पिपरवार : धर्म बदला, पड़हा समाज ने बंद किया हुक्का-पानी
पिपरवार : कल्याणपुर नीम टोला निवासी चंद्रदेव उरांव परिवार का आदिवासी पड़हा समाज ने हुक्का-पानी बंद कर दिया है. चंद्रदेव के परिवार में सात सदस्य हैं. इन लाेगाें ने 2008 में ही ईसाई धर्म अपना लिया था, उसके बाद से ही परिवार की सरना धर्म में वापसी की काेशिश हाे रही थी. अब समाज ने […]
पिपरवार : कल्याणपुर नीम टोला निवासी चंद्रदेव उरांव परिवार का आदिवासी पड़हा समाज ने हुक्का-पानी बंद कर दिया है. चंद्रदेव के परिवार में सात सदस्य हैं. इन लाेगाें ने 2008 में ही ईसाई धर्म अपना लिया था, उसके बाद से ही परिवार की सरना धर्म में वापसी की काेशिश हाे रही थी. अब समाज ने परिवार को पुस्तैनी जमीन से भी बेदखल कर दिया है.
रविवार दोपहर गांव में आदिवासी पड़हा समाज की बैठक रामे टाना भगत की अध्यक्षता में हुई, जिसमें समाज के कई गणमान्य लोग शामिल हुए. फैसले से पूर्व ईसाई धर्म अपना चुके परिवार काे सरना धर्म में वापसी का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन चंद्रदेव उरांव ने इससे स्पष्ट इनकार कर दिया.
चंद्रदेव उरांव एवं उसकी पत्नी मुनिया देवी ने पड़हा समाज को बताया कि कुछ वर्ष पूर्व चंद्रदेव उरांव बीमार चल रहे थे. देवी-देवताओं की पूजा की, ओझा-भगत व डॉक्टरों से दिखलाया, लेकिन कुछ लाभ नहीं हुआ. ईसाई धर्म अपनाने के बाद यीशु मसीह की प्रार्थना की. इससे वे ठीक हो गये. इसके बाद 2008 में उन्होंने सपरिवार ईसाई धर्म अपना लिया था. अब वे सरना धर्म में नहीं लौटना चाहते हैं.
जानकारी के अनुसार धर्म परिवर्तन के बाद से आदिवासी पड़हा समाज द्वारा वापस सरना धर्म में लाने का कई बार प्रयास किया जा चुका है. ईसाई बने रहने की जिद के बाद पड़हा समाज को यह निर्णय लेना पड़ा. बैठक में रामेश्वर उरांव, इंद्रजीत उरांव, संजय टानाभगत, विश्वनाथ टानाभगत, सूरज देव टानाभगत, लच्छु उरांव, पंडित भगत, नरेश भगत, गणेश उरांव, लखन उरांव, रामू उरांव, बुधन उरांव, मधुलता देवी, पुष्पा देवी सहित काफी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे.