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रांची : बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के पास के 12 गांव होंगे विकसित, UNDP और जिला प्रशासन के बीच MoU

गांवों का किया जायेगा सामाजिक-आर्थिक विकास : उपायुक्त रांची : बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के आसपास के 12 गांवों को विकसित करने के लिए मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय कक्ष में MoU साइन किया गया. यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) और जिला प्रशासन के बीच ये MoU साइन किये गये हैं. UNDP का प्रतिनिधित्व मनीष मोहनदास, परियोजना […]

गांवों का किया जायेगा सामाजिक-आर्थिक विकास : उपायुक्त

रांची : बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के आसपास के 12 गांवों को विकसित करने के लिए मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय कक्ष में MoU साइन किया गया. यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) और जिला प्रशासन के बीच ये MoU साइन किये गये हैं. UNDP का प्रतिनिधित्व मनीष मोहनदास, परियोजना पदाधिकारी, रेसीलेंस, शुभम टंडन (प्रोजेक्ट ऑफिस, डीआरआर एंड सीसीए) द्वारा जबकि रांची जिले का प्रतिनिधित्व उपायुक्त श्री राय महिमापत रे ने किया.

परियोजना की लागत करीब 6.18 करोड़ रुपये

एमओयू के बाद उपायुक्त राय महिमापत ने कहा कि परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 6,18,74,508 (छः करोड़ अट्ठारह लाख चौहत्तर हजार पांच सौ आठ) रुपये है. परियोजना को तीन वर्षों में लागू किया जायेगा. सीएसआर के तहत एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया ने ये राशि दी है. जिससे इन गांवों का सामाजिक-आर्थिक विकास किया जायेगा.

यूएनडीपी होगा कार्यान्वयन प्राधिकरण

उपायुक्त ने बताया कि यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) कार्यान्वयन प्राधिकरण होगा और गांवों को समग्र रूप से विकसित करेगा. स्वास्थ्य क्षेत्र में इससे संबंधित कार्यकर्ताओं की क्षमता मजबूत करने के साथ ही उनकी बुनियादी ढांचे को संशोधित करके मेडिकल क्लिनिक्स में उपलब्ध सेवाओं को बढ़ाया जायेगा. आवश्यक सेवाओं के साथ ही मोबाईल मेडिकल यूनिट संचालित की जायेगी. यह उद्देश्य राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को प्राप्त करने में प्रशासन की मदद करेगा.

परियोजना के जरिए शिक्षा के क्षेत्र पर जोर

निम्न साक्षरता दर के साथ-साथ उच्च ड्रॉपआउट दर को ध्यान में रखते हुए शिक्षा क्षेत्र में हस्तक्षेप की आवश्यकता थी. इस परियोजना का उद्देश्य विद्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार एवं शिक्षकों की क्षमता में सुधार करके मौजूदा अंतर को दूर करना है. इसी तरह सामुदायिक क्षेत्र में प्रमुख हस्तक्षेप उचित ड्रेनेज सिस्टम के रूप में है. इसका उद्देश्य स्वास्थ्य परिणामों, कम संक्रामक रोगों और एक स्वस्थ समुदाय को बेहतर बनाना है.

ग्रामीणों के जीवन स्तर में परिवर्तन लाना उद्देश्य

स्वच्छ भारत मिशन के तहत परिकल्पित परिणामों को इस परियोजना के तहत शामिल किया जायेगा. युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए इस परियोजना के तहत व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायेंगे.

परियोजना के माध्यम से ग्रामीण आपदा प्रबंधन योजना विकसित की जायेगी और ग्रामीणों के द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने की क्षमता बढ़ाने के लिए सामुदायिक कार्य बल बनाया जायेगा. नीति आयोग के Aspirational District Programme (TADP) परिवर्तन के तहत जोर देनेवाले विषयों में एक अवधारणात्मक परिवर्तन लाना है.

गांव जिनका किया गया चयन

इस परियोजना के तहत 12 गांवों का चयन किया गया है. इनमें हुंडरू, छोटा घाघरा, हेथु, चंदगासी, चुरू लोधमा, करमटोली, कचेचोली, लटमा, नारिगुट्टू, खिजरी, पोखरटोली एवं टोम्बागट्टू शामिल हैं.

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