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रांची : हाइकोर्ट भवन के निर्माण में 330 करोड़ के काम के बाद रामकृपाल कंस्ट्रक्शन का कांट्रेक्ट होगा खत्म, सीएम ने दी सहमति

शकील अख्तर विकास आयुक्त की अध्यक्षतावाली समिति की अनुशंसाओं पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी रांची : झारखंड हाइकोर्ट निर्माण मामले में विकास आयुक्त डॉ डीके तिवारी की अध्यक्षतावाली समिति की अनुशंसाओं पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी सहमति दे दी है. अब हाइकोर्ट के नये भवन के निर्माण में 330 करोड़ रुपये का काम करने […]

शकील अख्तर
विकास आयुक्त की अध्यक्षतावाली समिति की अनुशंसाओं पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी
रांची : झारखंड हाइकोर्ट निर्माण मामले में विकास आयुक्त डॉ डीके तिवारी की अध्यक्षतावाली समिति की अनुशंसाओं पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी सहमति दे दी है. अब हाइकोर्ट के नये भवन के निर्माण में 330 करोड़ रुपये का काम करने के बाद रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के साथ किया गया कांट्रेक्ट (एकरारनामा) समाप्त कर दिया जायेगा. ठेकेदार को अब तक 266.94 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है.
हाइकोर्ट की बिल्डिंग कमेटी की अनुशंसा के आलोक में नये काम का फिर से टेंडर निकाला जायेगा.भवन निर्माण विभाग ने विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति की अनुशंसाओं के आलोक में कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री के पास भेजा था. इसमें यह कहा गया था कि समिति ने हाइकोर्ट भवन के लिए टेंडर प्रकाशित करने और काम आवंटित करने के बाद हाइकोर्ट की बिल्डिंग समिति की अनुशंसाओं के आलोक में प्रस्तावित नये कार्यों के लिए टेंडर निकाला जाये.
ठेकेदार से 330 करोड़ तक का काम कराने की अनुशंसा : समिति के अनुसार पीडब्ल्यूडी कोड में निहित प्रावधानों के आलोक में मुख्य अभियंता 25 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकते हैं, इसलिए रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के साथ किये गये 264.58 करोड़ को बढ़ा कर 330 करोड़ रुपये तक का काम पूरा होने के बाद किये गये कांट्रेक्ट को समाप्त कर दिया जाये.
साथ ही समिति की अनुशंसाओं के आलोक में बाकी काम के लिए नये सिरे टेंडर निकाल कर काम आवंटित किया जाये. हाइकोर्ट की बिल्डिंग कमेटी द्वारा दिये गये दिशा-निर्देश के आलोक में विभिन्न प्रकार के आइटम्स और नये निर्माण कार्यों की लागत कुल 287.71 करोड़ रुपये आंकी गयी है.
तीन इंजीनियरों की टीम करेगी आकलन
अनुशंसाओं के आलोक में भवन विभाग ने इंजीनियरों की एक समिति गठित करने का फैसला किया है. इसमें हजारीबाग भवन निर्माण प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता दिनेश प्रसाद, पथ निर्माण और पेयजल विभाग के एक-एक अधीक्षण अभियंता शामिल होंगे. इंजीनियरों की आंतरिक समिति का काम इस बात का आकलन करना है कि रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को किसी आइटम में निर्धारित सीमा 25 प्रतिशत से अधिक का भुगतान हुआ है या नहीं. अगर समिति यह रिपोर्ट देती है कि ठेकेदार को अधिक भुगतान हुआ है, तो इस रकम की वसूली ठेकेदार को भुगतान किये जानेवाले अगले बिल से काट कर की जायेगी.
266.94 करोड़ का भुगतान हो चुका है ठेकेदार को
हाइकोर्ट के नये भवन का काम इस ठेकेदार को 264.58 करोड़ रुपये में दिया गया था. इसमें से अब तक उसे 266.94 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. सरकार के पास हाइकोर्ट का इस्टीमेट बढ़ा कर 697.32 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव विचाराधीन है. इस पुनरीक्षित इस्टीमेट पर तकनीकी स्वीकृति मिल चुकी है. हालांकि प्रशासनिक स्वीकृति अभी नहीं मिली है.

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