बिहार ने झारखंड को दिया टीवीएनएल का मालिकाना

रांची : बिहार को भविष्य में 40 प्रतिशत बिजली देने की शर्त पर तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड(टीवीएनएल) का मालिकाना हक झारखंड सरकार को दे दिया गया है. इस पर बिहार सरकार की मुहर लग गयी है. अब झारखंड सरकार की कैबिनेट से पारित होते ही 18 वर्ष से चले आ रहे इस विवाद का पटाक्षेप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2019 1:55 AM
रांची : बिहार को भविष्य में 40 प्रतिशत बिजली देने की शर्त पर तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड(टीवीएनएल) का मालिकाना हक झारखंड सरकार को दे दिया गया है. इस पर बिहार सरकार की मुहर लग गयी है. अब झारखंड सरकार की कैबिनेट से पारित होते ही 18 वर्ष से चले आ रहे इस विवाद का पटाक्षेप हो जायेगा.
इस बाबत बिहार सरकार के ऊर्जा सचिव प्रत्यय अमृत ने झारखंड की ऊर्जा सचिव वंदना डाडेल को पत्र भेजा है. ऊर्जा विभाग के सूत्रों ने बताया कि बिहार सरकार की तरफ से स्वामित्व को लेकर झारखंड सरकार को चिट्ठी आयी है.
झारखंड की तरफ से ही यह प्रस्ताव गया था. जिसे बिहार सरकार ने मान लिया है. अब सिर्फ कैबिनेट से पास कराने की जरूरत है. इसके बाद टीटीपीएस पूरी तरह से झारखंड का हो जाएगा.
क्या है मामला : संयुक्त बिहार में टीवीएनएल का गठन किया गया था. इसका पावर प्लांट ललपनियां में है. तब इसके सारे शेयर बिहार के राज्यपाल के नाम पर थे. बिहार-झारखंड के बंटवारे के बाद बिहार पुनगर्ठन अधिनियम 2000 में यह प्रावधान था कि जो संपत्ति जिस राज्य में है, वह उस राज्य की होगी.
इस आधार पर झारखंड ने टीवीएनएल पर अपना दावा किया था, लेकिन बिहार ने झारखंड के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसका 90 प्रतिशत शेयर बिहार के राज्यपाल के नाम पर है, इसलिए इस पर बिहार का अधिकार है.
टीवीएनएल के मालिकाना हक को लेकर न्यायिक विवाद शुरू हुआ. इसमें पटना हाइकोर्ट ने बिहार के पक्ष में फैसला दिया. झारखंड सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पहले उन्हें आपस में इस मुद्दे का हल निकालने का निर्देश दिया.
इसके बाद बिहार सरकार ने एक मार्च 2019 को एक संकल्प जारी कर टीवीएनएल की विस्तारित परियोजना से उत्पादित 40 प्रतिशत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर बिहार को दिये जाने की शर्त पर टीवीएनएल का मालिकाना हक झारखंड को सौंप दिया है.
संकल्प में लिखा गया है कि बिहार सरकार ने अपने पत्र दिनांक 17.9.2018 द्वारा ऊर्जा विभाग (झारखंड सरकार) को यह प्रस्ताव दिया कि बिहार टीवीएनएल के स्वामित्व पर अपना दावा वापस ले सकता है और इसके बदले टीवीएनएल के मौजूदा एवं भविष्य की विस्तारित इकाइयों से भेजे गये ऊर्जा का कम से कम 40 प्रतिशत बिहार को झारखंड में लागू होने वाली दरों एवं शर्त्तों पर दिया जाये.
झारखंड ने पीपीए का दिया हवाला
संकल्प में आगे लिखा गया है कि बिहार के इस प्रस्ताव का जवाब झारखंड ने 31 दिसंबर 2018 को दिया. झारखंड सरकार ने बिहार सरकार से साफ तौर से कहा कि विद्युत खरीद समझौते (पीपीए) की वजह से मौजूदा इकाइयों से ऊर्जा दे पाना संभव नहीं है.
हालांकि भविष्य की विस्तार इकाइयों से भेजे गए ऊर्जा का 40 फीसदी बिहार को सक्षम प्राधिकारी या विनायक आयोग द्वारा तय दर पर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया है. इसके अलावा अगर बिहार सरकार 40 फीसदी बिजली खरीदने से मना करेगी तो झारखंड सरकार यह बिजली किसी और को बेच सकती है.

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