रांची : पुलिस पर गोली चलानेवाला प्रेम प्रकाश बारला गिरफ्तार
पीएलएफआइ के नाम पर परचा भेज कर मांगता था रंगदारी रांची : राजधानी और आस-पास के इलाके में पीएलएफआइ के नाम पर परचा भेज कर लेवी मांगने वाले प्रेम प्रकाश बारला को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. बताया जाता है कि उसकी गिरफ्तारी नामकुम थाना क्षेत्र से हुई है. वह इलाके में पहचान […]
पीएलएफआइ के नाम पर परचा भेज कर मांगता था रंगदारी
रांची : राजधानी और आस-पास के इलाके में पीएलएफआइ के नाम पर परचा भेज कर लेवी मांगने वाले प्रेम प्रकाश बारला को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. बताया जाता है कि उसकी गिरफ्तारी नामकुम थाना क्षेत्र से हुई है. वह इलाके में पहचान बदल कर रहता था. उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और जेल भी जा चुका है. पुलिस की टीम उससे अन्य सहयोगियों और लेवी के लिए किसे-किसे परचा भेजा गया था, इस काम में उसे किन लोगों ने सहयोग किया था, के बारे में पूछताछ कर ही है.
उल्लेखनीय है कि प्रेम प्रकाश बारला का नाम पूर्व में तुपुदाना के सीमेंट और छड़ व्यवसायी सुनील साहू से पांच लाख रंगदारी मांगने में सामने आया था.
उसने रंगदारी पीएलएफआइ के नाम पर मांगी थी. प्रेम प्रकाश अपने सहयोगियों के साथ 16 अक्तूबर 2018 को लेवी लेने तुपुदाना पहुंचा था. पुलिस को इस बात की जानकारी मिल गयी और जब पीछा किया, तो लेवी लेने आये बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी.
बचाव में पुलिस ने भी फायरिंग की. इसके साथ ही लेवी लेने आये चार लोगों में दो लोग राजू राम और अतुल बारला को गिरफ्तार कर लिया था. जबकि प्रेम प्रकाश बारला और विश्वनाथ भाग निकले थे. प्रेम प्रकाश बारला और विश्वनाथ सुखदेवनगर थाना के रूगड़ीगढ़ा स्थित सरकारी आवास में रहते थे. लेकिन जब घटना के बाद दोनों का नाम सामने आया तो दोनों ने घर छोड़ दिया था.
इस केस के बाद एसएसपी अनीश गुप्ता ने मामले को गंभीरता से लिया और उसकी गिरफ्तारी के लिए ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था. बताया जाता है कि टीम में प्रशिक्षु आइपीएस अंजनी अंजन और नामकुम थाना प्रभारी प्रवीण कुमार को शामिल किया गया था.
सुखदेवनगर और अरगोड़ा थाना क्षेत्र के कई कारोबारी से मोटी रकम लेवी के रूप में परचा भेज कर मांगी थी. इस घटना में भी प्रेम प्रकाश बारला का नाम सामने आया था. पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रेम प्रकाश बारला ने आरंभिक पूछताछ में कई लोगों से लेवी मांगने की बात को स्वीकार किया है.
उसने बताया कि एनकाउंटर की घटना के बाद वह पुलिस से बचने के लिए इधर- उधर छिप कर रह रहा था. लेकिन कुछ दिनों बाद उसने लेवी मांगने का काम फिर से शुरू कर दिया. उसने यह भी बताया कि वह फर्जी नाम और पते पर सिम कार्ड लेकर लोगों को फोन किया करता था. यह भी बताया कि वह पूर्व में खूंटी में पीएलएफआइ संगठन के लिए काम कर चुका है. लेकिन बाद में उसने घटना को अंजाम देने के लिए खुद का गिरोह बनाकर सरगना बन गया था.