रांची : चलती ट्रेन के आगे फेंक कर मुझे मारना चाहते थे अपहर्ता

अपहर्ताओं के चंगुल से भाग कर रांची पहुंचे चितरंजन, कहा रांची : अपर बाजार के व्यवसायी चितरंजन सिंह के आरा बस स्टैंड से अपहरण होने से लेकर अपहर्ताओं के चंगुल से बच निकलने तक की कहानी बड़ी अजीब है. मंगलवार को रांची पहुंचने के बाद उन्होंने बताया कि एक मार्च को आरा बस स्टैंड में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2019 8:37 AM
अपहर्ताओं के चंगुल से भाग कर रांची पहुंचे चितरंजन, कहा
रांची : अपर बाजार के व्यवसायी चितरंजन सिंह के आरा बस स्टैंड से अपहरण होने से लेकर अपहर्ताओं के चंगुल से बच निकलने तक की कहानी बड़ी अजीब है.
मंगलवार को रांची पहुंचने के बाद उन्होंने बताया कि एक मार्च को आरा बस स्टैंड में उतरते ही सफेद स्कॉर्पियो से उनका अपहरण कर लिया गया. लाखों की जमीन से संबंधित कागजात पर हस्ताक्षर के लिए उनका अपहरण किया गया था़ हालांकि उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया. 10 मार्च की रात चलती ट्रेन के आगे फेंक कर मारने की योजना थी, लेकिन वे किसी तरह वहां से भागने में सफल रहे. ज्ञात हो कि वे रांची से आरा अपने गांव मसाढ़ के लिए 28 फरवरी की शाम बस से निकले थे. 11 दिन बाद सकुशल घर लौटने पर परिवार के लोगों ने राहत की सांस ली.
जमीन के अंदर कंटेनर में छुपा कर रखा था : अपहर्ताओं ने व्यवसायी चितरंजन को जमीन में दबे एक कंटेनर में हाथ-पैर बांध कर छुपा रखा था. लगभग दो-तीन दिनों तक वहां रखने के बाद अपहर्ताओं ने उन्हें बाहर निकाला और फिर स्कॉर्पियो से लेकर किसी दूसरे स्थान के लिए निकल गये. आधे घंटे के बाद गाड़ी एक अर्धनिर्मित दो मंजिले मकान के सामने रुकी. उन्हें उसकी मकान के एक कमरे में हाथ-पैर बांध कर बंद कर दिया.
मकान में व्यवसायी को एक छोटा ब्लेड मिला, जिसे उन्होंने अपने पास छुपा लिया था.10 मार्च की शाम को चारों अपहर्ताओं ने शराब पी. फिर चितरंजन को उठा कर रेलवे ट्रैक के पास लेकर गये. इस दौरान चितरंजन ने मकान में मिले ब्लेड के सहारे अपने पैरों की रस्सी को काट लिया, लेकिन अपहर्ताओं का ध्यान इस ओर नहीं गया. अपहर्ता आपस में बात कर रहे थे कि रात में गुजरनेवाली राजधानी एक्सप्रेस के आगे इन्हें फेंक दिया जायेगा.
इस दौरान वहां पांचवां अपराधी पहुंचा. किसी बात को लेकर उनके बीच झगड़ा हो गया़ इसी का लाभ उठा कर चितरंजन वहां से भागने में सफल रहे़ भाग कर वह बिहटा थाना पहुंचे, बिहटा थाना की पुलिस ने उनकी काफी मदद की़

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