झारखंड में नक्सलियों के धन निवेश से जुड़ी कंपनियों की जांच करेगी सीआइडी

रांची : झारखंड में नक्सलियों के धन निवेश से जुड़ी कंपनियों की जांच अब अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) करेगा. एनआइए की डीआइजी के अनुरोध पर कंपनी की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय आइजी ऑपरेशन आशीष बत्रा ने सीआइडी के एडीजी को पत्र लिखा है. बालूमाथ थाना में नक्सलियों द्वारा लेवी वसूली से संबंधित दर्ज केस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 14, 2019 9:25 AM
रांची : झारखंड में नक्सलियों के धन निवेश से जुड़ी कंपनियों की जांच अब अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) करेगा. एनआइए की डीआइजी के अनुरोध पर कंपनी की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय आइजी ऑपरेशन आशीष बत्रा ने सीआइडी के एडीजी को पत्र लिखा है.
बालूमाथ थाना में नक्सलियों द्वारा लेवी वसूली से संबंधित दर्ज केस जिसका वर्तमान में अनुसंधान एनआइए कर रही है. उक्त केस में नक्सलियों द्वारा वसूले गये लेवी को निवेश करने वाली संदिग्ध कंपनी के ऑपरेशनल स्ट्रक्चर, वित्तीय लेन- देन की जांच सीआइडी करे. क्योंकि कंपनी द्वारा छह साल में रुपये को डबल करने का मामला सामने आया है.
जांच के बाद कंपनी के संबंध में गलती पाये जाने पर कार्रवाई भी की जाये. इसके साथ ही ऐसे लोगों की पड़ताल की जाये जिन्होंने अपने अवैध धन को कंपनी में निवेश किया है.
उल्लेखनीय है कि एनआइए की उक्त केस की जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि नक्सलियों द्वारा लेवी में वसूले गये रुपये विकास म्यूचुअल बेनीफिट निधि लिमिटेड और पेट्रोन मिनरल एंड मेटल लिमिटेड नामक कंपनी में निवेश किये गये हैं. इस कंपनी का ऑफिस हेहल देवी मंडप रोड संदीप टावर के द्वितीय माले पर स्थित था. इसके अलावा एक ऑफिस बेड़ो, कोलकाता और इलाहाबाद में था.
बेड़ो और हेहल के ऑफिस में पूर्व में एनआइए छापेमारी कर कई दस्तावेज जांच के लिए बरामद कर चुकी थी. जांच में यह भी बात सामने आ चुकी है कि सरेंडर करने वाले नक्सली बड़ा विकास ने भी उक्त कंपनी में लेवी में वसूले गये 26.50 लाख रुपये निवेश किये थे. इसके अलावा संबंधित कंपनी में 1.80 लाख रुपये नक्सली छोटू खैरवार द्वारा भी जमा किये जाने की पुष्टि हो चुकी है.
केस के आरंभिक अनुसंधान के बाद एनआइए मामले में छोटू खैरवार, संतोष, रोशन उरांव और ललिता देवी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. एनआइए को जांच के दौरान उक्त कंपनी में वित्तीय अनियमितता की जानकारी भी मिली थी. इसके साथ ही कंपनी से जुड़े अधिकारी और डॉयरेक्टर भी संदिग्ध पाये गये हैं.

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