कड़िया का टिकट कटा, अर्जुन मुंडा बने खूंटी से प्रत्याशी, जयंत, सुदर्शन, वीडी राम को भी टिकट, रांची पर फैसला कल
भाजपा ने झारखंड के 10 प्रत्याशियों की घोषणा की रांची : आठ बार सांसद व दो बार विधायक रहे कड़िया मुंडा का टिकट भाजपा ने काट दिया है. अब खूंटी से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव लड़ेंगे. शनिवार को केंद्रीय मंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव जेपी नड्डा ने नयी दिल्ली में झारखंड की 10 […]
भाजपा ने झारखंड के 10 प्रत्याशियों की घोषणा की
रांची : आठ बार सांसद व दो बार विधायक रहे कड़िया मुंडा का टिकट भाजपा ने काट दिया है. अब खूंटी से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव लड़ेंगे.
शनिवार को केंद्रीय मंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव जेपी नड्डा ने नयी दिल्ली में झारखंड की 10 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों का एेलान किया. शेष नौ सीटों पर पार्टी ने माैजूदा सांसदाें पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से चुनाव लड़ने का मौका दिया है. पार्टी की ओर से फिलहाल रांची, चतरा व कोडरमा की सीटों को होल्ड पर रखा गया है. इस पर 25 मार्च फैसला होना है. दुमका से सुनील सोरेन व राजमहल से हेमलाल मुर्मू पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.
राम टहल व रवींद्र राय पर भी संशय बरकरार: रांची के वर्तमान सांसद रामटहल चौधरी व कोडरमा के वर्तमान सांसद रवींद्र राय के टिकट को लेकर भी संशय बरकरार है. इसके अलावा चतरा के वर्तमान सांसद सुनील सिंह की उम्मीदवारी पर भी संशय है. चर्चा है कि चतरा सीट से हाल ही भाजपा में शामिल हुई नीलम देवी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. कोडरमा में प्रदेश उपाध्यक्ष प्रणव वर्मा को भी टिकट देने की चर्चा चल रही है.
रांची में रामटहल चौधरी के अलावा आदित्य साहू, अमिताभ चाैधरी, संजय सेठ आदि नेताओं के नाम की भी चर्चा चल रही है.1977 में सांसद बने थे कड़िया : खूंटी से 82 साल के सांसद कड़िया मुंडा काे इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया. श्री मुंडा करीब 40 साल तक सदन में रहे.
1977 में पहली बार सांसद बने थे. वह आठ बार सांसद और दो बार विधायक रहे. केंद्र सरकार में तीन बार मंत्री बने. लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद पर भी रहे. वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में थे. श्री मुंडा अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी से भी नजदीकी रिश्ता रहा है. इसी वर्ष भारत सरकार ने श्री मुंडा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया है.
अधिक उम्र के कारण उनका टिकट काटे जाने की चर्चा पहले से थी. खूंटी जिले के अनिगड़ा के रहने वाले श्री मुंडा अपने सरल स्वभाव के कारण लोगों के बीच जाने जाते रहे हैं. झारखंड से लोकसभा में सबसे अधिक समय तक प्रतिनिधित्व करनेवाले सदस्य रहे. वह मोरारजी देसाई की सरकार में इस्पात मंत्री थे. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह कल्याण मंत्री रहे. 2001 में वह एग्रो और रूरल इंडस्ट्री मंत्रालय के मंत्री थे. 2003 से 2004 तक वह केंद्रीय कोयला मंत्री बने.
2004 में करीब एक साल के लिए गैर पारंपरिक ऊर्जा मंत्रालय के मंत्री रहे. 2004 के लोकसभा चुनाव में वह हार गये थे. इसके बाद श्री मुंडा को खिजरी विधानसभा से चुनाव लड़ाया गया. 2004 से पांच साल तक उन्होंने झारखंड विधानसभा में खिजरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.