लोकसभा चुनाव 2019 : बना एनडीए व महागठबंधन, कई सीटों पर होगा समीकरण का खेल, भीतरघात का भी पड़ेगा असर
सतीश कुमार/मनोज सिंह पिछली बार भाजपा, आजसू, कांग्रेस, झामुमो, झाविमो, राजद और वामदल ने अलग-अलग लड़ा था चुनाव एनडीए में भाजपा-आजसू व महागठबंधन में साथ आये कांग्रेस, झामुमो, झाविमो व राजद रांची : पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का असर देखने को मिला था. भाजपा ने राज्य की 14 लोकसभा सीट में से 12 […]
सतीश कुमार/मनोज सिंह
पिछली बार भाजपा, आजसू, कांग्रेस, झामुमो, झाविमो, राजद और वामदल ने अलग-अलग लड़ा था चुनाव
एनडीए में भाजपा-आजसू व महागठबंधन में साथ आये कांग्रेस, झामुमो, झाविमो व राजद
रांची : पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का असर देखने को मिला था. भाजपा ने राज्य की 14 लोकसभा सीट में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. संताल परगना की सिर्फ दो सीट राजमहल व दुमका ही झामुमो के खाते में गयी थी. कांग्रेस, झाविमो, राजद, आजसू समेत अन्य दलों का खाता नहीं खुला था. पिछला लोकसभा चुनाव झामुमो व कांग्रेस ने गठबंधन में लड़ा था. हालांकि कई स्थानों पर फ्रेंडली फाइट भी हुआ था. झाविमो व राजद समेत वाम दलों ने अलग-अलग सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारा था.
चुनाव में विपक्षी दलों के वोटों के बिखराव का फायदा भी भाजपा को मिला था. इस बार यूपीए व एनडीए गठबंधन में चुनाव लड़ रहा है. एनडीए में भाजपा को आजसू का साथ मिल रहा है. वहीं यूपीए में कांग्रेस, झामुमो, झाविमो व राजद शामिल हैं. यूपीए वोटों के बिखराव को रोकने के लिए महागठबंधन बनाया गया है. पिछले चुनाव से तुलना की जाये, तो यह इस चुनाव की स्थिति से भिन्न दिख रही है.
इस बार पिछली बार के चुनाव की तरह मोदी लहर नहीं दिख रहा है. विपक्ष भी आक्रामक तेवर में है. अगर पिछले चुनाव (2014) में मिले मतों की गणना की जाये, तो कहीं यूपीए तो कहीं एनडीए का पलड़ा भारी देखने को मिल रहा है. हालांकि ऐसा नहीं है कि अगर कोई दल चुनाव नहीं लड़ता है, तो उसकी पार्टी को मिलनेवाले सभी वोट गठबंधन में शामिल दल के प्रत्याशी को मिलेगा.
फिर भी कुछ जगहों पर इसका फायदा मिलता है. नेताओं के प्रभाव, जातीय समीकरण, चुनावी मुद्दे वोट को प्रभावित करते हैं. वर्ष 2019 के चुनाव में कई सीटों पर पिछले चुनाव में खड़े उम्मीदवार आमने-सामने होंगे. इस बार के चुनाव में यूपीए व एनडीए प्रत्याशी को गठबंधन में शामिल दलों का साथ मिलेगा.
2014 के चुनाव में गठबंधन दलों के प्रत्याशियों को मिले मत
गोड्डा
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
निशिकांत दुबे भाजपा 380500
प्रदीप यादव झाविमो 193506
फुरकान अंसारी कांग्रेस 319818
राजमहल
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
अनिल मुर्मू भाजपा 97370
विजय हांसदा झामुमो 379337
दुमका
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
शिबू सोरेन झामुमो 335815
सुनील सोरेन 96785
बाबूलाल मरांडी झाविमो 158122
कोडरमा
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
तिलकधारी सिंह कांग्रेस 60330
प्रणव कुमार वर्मा झाविमो 160638
रवींद्र राय भाजपा 365405
राजकुमार यादव माले 266756
गिरिडीह
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
जगन्नाथ महतो झामुमो 351608
रवींद्र पांडेय भाजपा 391913
सबा अहमद झाविमो 57380
यूसी मेहता आजसू 55531
धनबाद
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
अजय दुबे कांग्रेस 250554
पीएन सिंह भाजपा 543482
हेमलता एस मोहन आजसू 21277
जेवीएम 90926
चतरा
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
धीरज साहू कांग्रेस 117835
सुनील सिंह भाजपा 295857
नीलम देवी झाविमो 104176
रांची
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
अमिताभ चौधरी झाविमो 67705
रामटहल चौधरी भाजपा 448617
सुदेश महतो आजसू 142547
सुबोधकांत सहाय कांग्रेस 249399
जमशेदपुर
अजय कुमार झाविमो 364270
नीरूप मोहंती झामुमो 138109
विद्युत वरण महतो भाजपा 464144
सिंहभूम
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
चित्रसेन सिंकू कांग्रेस 111790
दशरथ गगराई झाविमो 35081
लक्ष्मण गिलुवा भाजपा 303079
गीता कोड़ा स्वतंत्र 215609
खूंटी
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
कड़िया मुंडा भाजपा 269185
कालीचरण मुंडा कांग्रेस 147015
नियल तिर्की आजसू 27155
बसंत कुमार लोंगा झाविमो 24514
लोहरदगा
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
रामेश्वर उरांव कांग्रेस 220177
सुदर्शन भगत भाजपा 226666
चमरा लिंडा टीएमसी 118347
वीरेंद्र भगत झाविमो 26109
पलामू
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
घूरन राम झाविमो 156832
मनोज कुमार राजद 212571
वीडी राम भाजपा 475738
कामेश्वर बैठा टीएमसी 37033
हजारीबाग
प्रत्याशी पार्टी मिले मत
अरुण कुमार मिश्रा झाविमो 30408
जयंत सिन्हा भाजपा 406912
लोकनाथ महतो आजसू 15686
सौरभ नारायण सिंह कांग्रेस 247798
भीतरघात का भी पड़ेगा असर
वर्तमान लोकसभा चुनाव में कई सीटिंगसांसदों की टिकट कट रही है. एेसे में संबंधित दल के प्रत्याशी को भीतरघात का भी खतरा रहेगा. गठबंधन के कारण चुनाव की तैयारी कर रहे कई दलों के प्रत्याशी भी अपनी पार्टी से नाराज हैं. इसका असर भी चुनाव में दिखेगा.
भाजपा ने इस बार गिरिडीह लोकसभा सीट आजसू को दे दिया है. एेसे में भाजपा के गिरिडीह के सीटिंग सांसद रवींद्र पांडेय का टिकट कट गया है. उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया है. ऐसे में गठबंधन में शामिल दल के प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
खूंटी में भाजपा के वर्तमान सांसद कड़िया मुंडा का टिकट कटा है. हालांकि वे पार्टी के फैसले नाराज नहीं हैं. इनके अलावा भाजपा के तीन सीटिंग सांसद के टिकट पर भी संशय बरकरार है. अगर इनका टिकट कटता है, तो संबंधित लोकसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इनके अलावा चुनाव की दौड़ में टिकट नहीं पाने वाले उम्मीदवार भी पार्टी प्रत्याशी के लिए चुनौती साबित होंगे.