रांची : बीते साल डेंगू और चिकनगुनिया ने राजधानी में बरपाया था कहर, कहीं वैसे ही हालात न हो जायें
उत्तम महतो रांची : शहर में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को लेकर राजधानी वासी रांची नगर निगम को कोस रहे हैं. कह रहे हैं कि मच्छरों ने हमारी नींद हराम कर रखी है और रांची नगर निगम के अधिकारी चैन से सो रहे हैं. इधर, रांची नगर निगम का दावा है कि शहर में समय-समय […]
उत्तम महतो
रांची : शहर में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को लेकर राजधानी वासी रांची नगर निगम को कोस रहे हैं. कह रहे हैं कि मच्छरों ने हमारी नींद हराम कर रखी है और रांची नगर निगम के अधिकारी चैन से सो रहे हैं. इधर, रांची नगर निगम का दावा है कि शहर में समय-समय पर फॉगिंग करायी जा रही है. हालांकि, इस दावे का सच्चाई जानकर हैरान करनेवाली है.
दो साल पहले रांची नगर निगम ने 12 फॉगिंग मशीनें खरीदी थीं. इसमें से सात फॉगिंग मशीनें पिछले कई माह से खराब पड़ी हुए हैं और नगर निगम के बकरी बाजार स्थित स्टोर में रखे-रखे कबाड़ होती जा रही हैं. जो पांच फॉगिंग मशीनें दुरुस्त हैं, उनसे ही फॉगिंग करवायी जा रही है. लेकिन, इसमें भी शहर के आम लोगों के साथ भेदभाव हो रहा है. वीआइपी इलाकों में नियमित रूप से फॉगिंग करायी जाती है, जबकि शहर के अन्य हिस्सों में महीने-दो महीने में एक बार फॉगिंग की जाती है.
कोल्ड फॉगिंग मशीन आयेगी अप्रैल के अंत तक
रांची नगर निगम ने तीन कोल्ड फॉगिंग मशीनों की खरीद का ऑर्डर दिया गया है. लेकिन, ये मशीनें भी अप्रैल के अंत तक ही नगर निगम को सौंपी जायेंगी. नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो मशीन इटली से मंगायी जा रही है. यहां आकर उसे असेंबल कराया जायेगा. इसलिए थोड़ा विलंब हो रहा है. यानी तब तक लोगों को अपने स्तर से ही मच्छरों को भगाने, मारने और उनसे बचने के उपाय करने होंगे.
राजधानी में बीते साल डेंगू ने ली थी तीन की जान, 700 लोग हुए थे बीमार
अगस्त 2018 में राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी व आसपास के इलाकों में मच्छर जनित बीमारियों ने भयावह रूप ले लिया था. इस दौरान डेंगू से तीन लोगों की मौत हो गयी थी. वहीं, 700 से अधिक लोग चिकनगुनिया व डेंगु के चपेट में आये थे.
जब बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया, तब रांची नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी और विशेष कैंप लगा कर लोगों का इलाज किया गया. उस दौरान 6000 हजार से अधिक जगहों लंबे समय से जमे पानी का सैंपल लिया गया था, जिसमें 1400 से अधिक जगहों के पानी में चिकनगुनिया व डेंगू के लार्वा पाये गये थे.
मोस्क्यूटो रेपेलेंट पर हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपये फूंक रहे शहरवासी
नगर निगम के इस लापरवाही के कारण शहर के अधिकतर लोग मोस्क्यूटो रेपेलेंट (क्वायल और लिक्विडेटर) पर आश्रित हो गये हैं. जानकारी के अनुसार शहर के दो लाख से अधिक मकानों में डेढ़ लाख मकान ऐसे हैं, जिनका हर माह मच्छर भगाने में ही 100 रुपये की राशि खर्च हो रही है. इस प्रकार से शहर के लोग हर माह डेढ़ करोड़ से अधिक की राशि केवल मच्छरों से मुक्ति पाने में ही खर्च कर दे रहे हैं.
हर साल फॉगिंग पर खर्च हो रहे 70 लाख रुपये
शहर को मच्छर मुक्त बनाने के नाम पर रांची नगर निगम हर साल 70 लाख रुपये से अधिक खर्च करता है. इस राशि से फॉगिंग के लिए डीजल व केमिकल की खरीद की जाती है. फॉगिंग के लिए अतिरिक्त ड्राइवर नहीं रखे जाते हैं. जो ड्राइवर कचरा उठाने वाले वाहन चलाते हैं, वही फॉगिंग वाहन भी चलाते हैं.
कुछ मशीनों के खराब होने के कारण पूरे शहर में व्यवस्थित तरीके से फॉगिंग नहीं हो रही है. खराब मशीनों को दुरुस्त कराया जा रहा है. इसके अलावा तीन कोल्ड फॉगिंग मशीनों की खरीद भी अंतिम चरण में है. बहुत जल्द व्यवस्था में सुधार हो जायेगा.
गिरिजा शंकर प्रसाद, अपर नगर आयुक्त, रांची नगर निगम