रांची : लोकसभा चुनाव में बेहतर मतदान के लिए रांची जिले के डिस्ट्रिक्ट आइकॉन के रूप में रांची जिला प्रशासन ने इस बार पद्मश्री सिमोन उरांव और प्रियंका केरकेट्टा का चयन किया है.
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लोकसभा चुनाव में बेहतर मतदान के लिए प्रशासन की पहल : पद्मश्री सिमोन उरांव व एथलीट प्रियंका बने डिस्ट्रिक्ट आइकॉन
रांची : लोकसभा चुनाव में बेहतर मतदान के लिए रांची जिले के डिस्ट्रिक्ट आइकॉन के रूप में रांची जिला प्रशासन ने इस बार पद्मश्री सिमोन उरांव और प्रियंका केरकेट्टा का चयन किया है. दोनों डिस्ट्रिक्ट आइकॉन को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त राय महिमापत रे ने समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय में प्रमाण पत्र प्रदान किया. […]
दोनों डिस्ट्रिक्ट आइकॉन को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त राय महिमापत रे ने समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय में प्रमाण पत्र प्रदान किया. भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट आइकॉन का चयन किया गया है.
ये डिस्ट्रिक्ट आइकॉन मतदाताओं को जागरूक करने के साथ-साथ चुनावी प्रक्रिया में उनकी सहभागिता बढ़ाने की दिशा में पहल करेंगे. मौके पर सिमोन उरांव व प्रियंका केरकेट्टा ने लोगों से वाेट करने की अपील की.
अपनी पसंद की सरकार बनायें : प्रियंका केरकेट्टा
अंतरराष्ट्रीय एथलीट प्रियंका केरकेट्टा ने कहा कि युवा मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करूंगी. उन्होंने कहा कि रांची लोकसभा क्षेत्र में होने वाले 6 मई को मतदान के दिन वोट करने जरूर जायें और अपनी पसंद की सरकार बनायें.
इंटरनेशनल एथलीट प्रियंका केरकेट्टा ने जीते हैं कई मेडल
मांडर की रहनेवाली और बीए में पढ़ रही प्रियंका केरकेट्टा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कई मेडल जीते हैं. साल 2016 में 32वें नेशनल जूनियर एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रियंका ने लांग जंप में गोल्ड मेडल जीता था.
33वें नेशनल जूनियर एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रियंका ने 6.18 मीटर की छलांग लगाकर गोल्ड मेडल हासिल किया. 10-12 जून 2017 में लखनऊ में आयोजित 15वें फेडरेशन कप नेशनल जूनियर एथलीट में प्रियंका ने जूनियर नेशनल रिकाॅर्ड बनाते हुए 6.30 मीटर लंबी छलांग लगायी और गोल्ड मेडल जीता.
कौन हैं ‘वाटरमैन’ सिमोन उरांव
झारखंड के बेड़ो ब्लॉक में रहने वाले सिमोन उरांव पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित हैं. सूखे की समस्या को दूर करने के उनके अथक प्रयास ने उनकी विशेष पहचान बनायी है. करीब 85 साल के सिमोन उरांव को लोग सम्मान से इंजीनियर कहते हैं, उनके प्रयास से कई गांवों में पानी की समस्या दूर हुई है.
कई दिनों तक पानी के बहाव और उसकी दिशा को समझते हुए सिमोन उरांव ने अपने दोस्तों के साथ 1961 में जयघट में डैम बनाने का काम शुरू किया था. लेकिन, बारिश के बाद बांध पानी का बहाव नहीं सह पाया और वो टूट गया.
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