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देवेंद्र कुमार तिवारी झारखंड के मुख्य सचिव नियुक्त, अधिसूचना जारी, आज ले सकते हैं पदभार

रांची : झारखंड सरकार ने 1986 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार तिवारी को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है. वहीं, योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, जिनके पास जीआरडीए के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी था, को झारखंड का विकास आयुक्त बना […]

रांची : झारखंड सरकार ने 1986 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार तिवारी को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है. वहीं, योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, जिनके पास जीआरडीए के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी था, को झारखंड का विकास आयुक्त बना दिया गया है. केके खंडेलवाल, जो कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग में अपर मुख्य सचिव थे, को योजना सह वित्त विभाग का अपर मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है.

तीनों तबादलों की अधिसूचना रविवार को जारी कर दी गयी. सरकार के सचिव अरुण कुमार सिन्हा ने झारखंड की राज्यपाल के आदेश से उपरोक्त तबादलों की अधिसूचना जारी की. सरकार ने चुनाव आयोग से अधिकारियों के तबादले की मंजूरी मिलने के बाद इसकी अधिसूचना जारी की है.

ज्ञात हो कि डॉ देवेंद्र कुमार तिवारी झारखंड के 23वें मुख्य सचिव हैं. शनिवार देर रात राज्य के मुख्य चुनाव पदाधिकारी कार्यालय को आयोग ने अपनी सहमति की जानाकरी दी. इसके बाद रविवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी. उम्मीद है कि शाम चार बजे मुख्य सचिव डॉ तिवारी पदभार ग्रहण कर सकते हैं.

मिलिए, मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी से

आइएएस अधिकारी डॉ देवेेंद्र कुमार तिवारी के पास एमबीबीएस व लॉ की भी डिग्री है. आइएएस अफसर बनने के पहले उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से एमबीबीएस (1977-1982) की पढ़ाई की थी. फिर उन्होंने एलएलबी (लॉ) की डिग्री ली.

आइएएस अफसर बनने के बाद 1998-99 में मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी (यूके) से डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स विषय में एमए किया. डॉ तिवारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहनेवाले हैं. उनका जन्म 1960 में बुंदेलखंड (यूपी) के महोबा में हुआ था. उनकी स्कूली शिक्षा महोबा और ललितपुर से हुई.

वर्ष 1986 बैच के आइएएस अफसर डॉ तिवारी बिहार कैडर के अफसर थे. राज्य के विभाजन के बाद उनका कैडर झारखंड हुआ. उन्होंने 1988-90 में मसौढ़ी (पटना) के एसडीएम पद से कैरियर की शुरुआत की. वह किशनगंज व छपरा के डीएम रहे. बीपीडीपी में प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी रहे.

डॉ तिवारी झारखंड में उत्पाद आयुक्त, आइजी रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ भवन निर्माण, जल संसाधन विभाग, उत्पाद विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव भी रहे. वर्ष 2010-13 तक मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में काम किया. वह मानव संसाधन विकास विभाग व योजना विभाग के भी प्रधान सचिव रहे. वर्ष 2014-17 तक प्रधान स्थानिक आयुक्त (झारखंड भवन) रहे. कल तक वह राज्य के विकास आयुक्त थे.

उनकी पत्नी अलका तिवारी 1988 बैच की आइएएस अफसर हैं. फिलहाल वह केमिकल व फर्टिलाइजर मंत्रालय भारत सरकार में एडिशनल सेक्रेटरी व फाइनांसियल एडवाइजर हैं. उनके एक भाई उत्तर प्रदेश व एक भाई पंजाब में सीनियर आइएएस हैं. डॉ तिवारी के पुत्र बोस्टन के मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं. उनकी बेटी वकील हैं.

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