रांची : एक्ट का उल्लंघन कर खरीदी गयी जमीन वापस कराये सरकार : शैलेंद्र महतो

रांची : पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और भाजपा के प्रवक्ता बार-बार इस बात को दोहराते रहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदी है और कहते हैं कानून काम कर रहा है. उन्हें धमकी दी जाती है कि जेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2019 9:08 AM
रांची : पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और भाजपा के प्रवक्ता बार-बार इस बात को दोहराते रहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदी है और कहते हैं कानून काम कर रहा है.
उन्हें धमकी दी जाती है कि जेल भेज देंगे. श्री महतो ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनौती देते हुए कहा है कि यदि उनमें हिम्मत है और सीएनटी-एसपीटी एक्ट के हितैषी हैं, तो लाखों लोग जो आजादी के बाद दूसरे राज्यों से आकर आदिवासियों की जमीन में हेर-फेर कर गैर कानूनी ढंग से घर बनाये हुए हैं, उन्हें हटाकर जमीन मालिक को वापस करें.
श्री महतो ने कहा कि बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में झारखंड की 60 प्रतिशत आबादी आदिवासी थी. सीएनटी-एसपीटी एक्ट इन्हीं आदिवासियों की जमीनों की सुरक्षा के लिए बने थे. लेकिन में बाद में जमीनों को हड़पने की प्रक्रिया तेजी से जारी रही.
झारखंड में कल-कारखाने, उद्योग, खदान खुलते गये. नौकरी, व्यवसाय के लिए लोग दूसरे राज्यों से आते गये. झारखंड राज्य बनने के समय झारखंड की आबादी दो करोड़ 60 लाख थी, लेकिन 2011 की जनगणना के समय झारखंड की आबादी तीन करोड़ 25 लाख हो गयी.
दस साल की अवधि में 65 लाख की आबादी बढ़ गयी. रांची, जमशेदपुर, धनबाद, संताल-परगना, हजारीबाग में आदिवासी-मूलवासी की जमीन गैर-कानूनी ढंग से पूंजीपतियों के हाथों धड़ल्ले से बिकती रही और इस काम में भाजपा सरकार सहयोग करती रही. श्री महतो ने कहा कि सरकार से मेरी मांग है कि आजादी के बाद आदिवासी जमीन मामले में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का जो दुरुपयोग हुआ, उसकी जांच के लिए एक आयोग का गठन किया जाये और जमीन असली मालिक को वापस करें.

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