चतरा में राजद ने की फजीहत, तो बागी बना रहे दूसरी सीटों पर फ्रेंडली का दबाव

महागठबंधन की बदल सकती है तसवीर, सभी दल फ्रेंडली के मूड में नहीं रांची : राजद ने चतरा से प्रत्याशी उतार कर महागठबंधन की फजीहत बढ़ायी है. महागठबंधन में राजद को पलामू सीट दिया गया, लेकिन राजद ने पहले ही चतरा से सुभाष यादव को उतार दिया. यह सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2019 9:16 AM
महागठबंधन की बदल सकती है तसवीर, सभी दल फ्रेंडली के मूड में नहीं
रांची : राजद ने चतरा से प्रत्याशी उतार कर महागठबंधन की फजीहत बढ़ायी है. महागठबंधन में राजद को पलामू सीट दिया गया, लेकिन राजद ने पहले ही चतरा से सुभाष यादव को उतार दिया. यह सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी. इस सीट से कांग्रेस ने भी प्रत्याशी देने की घोषणा की थी.
हालांकि बाद में कांग्रेस ने पलामू में राजद के खिलाफ उम्मीदवार नहीं देने की घोषणा की है. चतरा को लेकर यूपीए के अंदर चल रहे विवाद ने महागठबंधन की तसवीर ही बदल दी है. महागठबंधन घटक दलों के जिन दावेदारों की टिकट कटी है, वे सभी तनातनी के मूड में है़ं गठबंधन में गोड्डा सीट झाविमो के खाते में गयी है. झाविमो के प्रदीप यादव यहां से उम्मीदवार है़ं उधर कांग्रेस में बवाल मचा है़ चतरा में बिगड़ते सीन को लेकर जामताड़ा से विधायक उनके पुत्र इरफान अंसारी ने यहां तक कहा है कि जब चतरा में फ्रेंडली हो सकता है, तो गोड्डा में क्याें नहीं. फुरकान चुनाव लड़ सकते है़ं उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से इस पर विचार करने को कहा है.
उधर, पलामू को लेकर पार्टी में पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा दबाव बना रहे हैं. कामेश्वर बैठा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से कहा है कि जब राजद चतरा से प्रत्याशी दे चुका है, तो पार्टी पलामू से उन्हें मौका दे. वह फ्रेंडली भी राजद से भारी पड़ेंगे. कामेश्वर बैठा गठबंधन के सहयोगी राजद के खिलाफ अपने लोगों को ही गोलबंद कर रहे है़ं हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने उनके प्रस्ताव से किनारा कर लिया है़ उधर लोहरदगा सीट कांग्रेस के खाते में है. यहां कांग्रेस के दावेदार दिल्ली में लॉबिंग कर रहे हैं.
लेकिन इधर झामुमो के अंदरखाने में भी आग सुलग रही है. विशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा लोहरदगा से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. वे पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं कि वह लोहरदगा में दूसरे ज्यादा प्रभाव वाले उम्मीदवार साबित होंगे. चमरा लिंडा लोहरदगा से उतरे, तो यूपीए की चुनावी गणित गड़बड़ा सकती है़ हालांकि यूपीए के अंदर फ्रेंडली का फॉर्मूला किसी घटक दल को स्वीकार नहीं है.
कांग्रेस के साथ-साथ झामुमो, झाविमो कोई भी इस रास्ते गठबंधन को नहीं ले जाना चाहता है. चतरा में राजद को मनाने में घटक दल लगे हैं. चतरा में राजद ने प्रत्याशी वापस लिया, तो फिर आगे बात बनेगी. वहीं चतरा में राजद बैक नहीं हुआ, तो यूपीए में गठबंधन का रंग फीका पड़ सकता है़

Next Article

Exit mobile version