केदला : दिल्ली से लायी गयी रमणिका गुप्ता की अस्थियां, चुटूआ नदी में किया प्रवाहित
रांची/केदला : साहित्यकार, आंदोलनकारी व मांडू की पूर्व विधायक रमणिका गुप्ता का अस्थि कलश लेकर दिल्ली से उनकी बेटी तरंग गुप्ता बुधवार को रांची एयरपोर्ट पहुंची. यहां सीपीएम के स्टेट सचिव गोपीकांत बक्शी, सुखदेव लोहरा, प्रफुल्ल लिंडा, वासवी किडो सहित अन्य मौजूद थे. रांची से अस्थि कलश लेकर केदला बसंतपुर वाशरी स्थित चुटूआ नदी तट […]
रांची/केदला : साहित्यकार, आंदोलनकारी व मांडू की पूर्व विधायक रमणिका गुप्ता का अस्थि कलश लेकर दिल्ली से उनकी बेटी तरंग गुप्ता बुधवार को रांची एयरपोर्ट पहुंची. यहां सीपीएम के स्टेट सचिव गोपीकांत बक्शी, सुखदेव लोहरा, प्रफुल्ल लिंडा, वासवी किडो सहित अन्य मौजूद थे. रांची से अस्थि कलश लेकर केदला बसंतपुर वाशरी स्थित चुटूआ नदी तट पर ले जाया गया. वहां बुधवार की देर शाम अस्थियों को बेटी तरंग गुप्ता ने अपने हाथों से चुटूआ नदी में प्रवाहित किया.
इससे पहले चरही में साहित्यकार, आंदोलनकारी व मांडू की पूर्व विधायक रमणिका गुप्ता का अस्थि कलश बुधवार की दोपहर लगभग 4.35 बजे चरही चौक पहुंचा.
यहां उनकी छोटी पुत्री तरंग गुप्ता समेत हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, सीपीएम के जिला सचिव गणेश कुमार सीटू व दर्जनों श्रमिक संगठनों के सदस्यों ने अस्थि कलश को श्रद्धांजलि दी. वहीं कूजु चौक, चरही बस्ती सहित अन्य जगहों पर उनके सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया.
1962 में वह मांडू आयी थी: 15 साल की उम्र में ही रमणिका ने राजनीति की दुनिया के कदम रखा था. 1962 में वह मांडू आयी थी. इसके बाद वह केदला, घाटो, कुजू सहित आस पास क्षेत्र के महिलाओं के साथ मिली. महिलाओं से समस्या की जानकारी लेने लगी. पानी की गंभीर समस्या को देख कर रमणिका ने क्षेत्र में उग्र आंदोलन किया. इसके बाद से महिलाओं के दिल में रमणिका ने अपना जगह बना लिया था.
रमणिका गुप्ता 1979 में मांडू के विधायक बनी थी. उन्होंने कोलियरी में मजदूरों के लेकर काफी आंदोलन किया था. आंदोलन के बल पर रमणिका ने केदला बसंतपुर वाशरी में 132 मजदूरों को नौकरी लगायी थी. वेस्ट बोकारो में बच्चों के लिए पढ़ाई के लिये स्कूल नहीं थी. रमणिका ने आंदोलन के बल पर भीम राव अांबेडकर स्कूल का स्थापना कराया था. रमणिका के निधन के खबर सुन कर लोगों के आंखें नम हो गयी.