रांची़ : 25 मुकदमे में से सिर्फ एक में जवाब दाखिल
रांची़ : आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच मालिकाना हक को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई में उपायुक्त की ओर से सिर्फ एक ही मामले में जवाब दाखिल किया गया. रांची के मुंसिफ कोर्ट में वर्ष 2017 और 2018 में कुल 25 मुकदमे दायर किये गये हैं. इनमें से सिर्फ एक में ही उपायुक्त की […]
रांची़ : आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच मालिकाना हक को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई में उपायुक्त की ओर से सिर्फ एक ही मामले में जवाब दाखिल किया गया. रांची के मुंसिफ कोर्ट में वर्ष 2017 और 2018 में कुल 25 मुकदमे दायर किये गये हैं.
इनमें से सिर्फ एक में ही उपायुक्त की ओर से जवाब दाखिल किया गया है. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46(3) में निहित प्रावधानों के तहत अगर व्यवहार न्यायालय में जमीन से जुड़ा कोई ऐसा मुकदमा हो जिसमें एक पक्ष अनुसूचित जनजाति का सदस्य हो तो एेसे मामले में उपायुक्त को भी पक्षकार के रूप में अपना जवाब दाखिल करना पड़ता है.
इसके साथ ही शिड्यूल एरिया रेगुलेशन(एसएआर) 1969 की धारा (4) में भी यह प्रावधान है कि विवाद में एक पक्ष के अनुसूचित जनजाति का सदस्य होने की स्थिति में उपायुक्त को भी जवाब दाखिल करना पड़ता है. रांची व्यवहार न्यायालय से मिले आंकड़ों के अनुसार 2017 और 2018 में दायर सिविल सूट में उपायुक्त की ओर से सिर्फ एक ही मामले में जवाब दाखिल किया गया है.