रांची : पूर्व एमएलसी व झाविमो के पूर्व महासचिव प्रवीण सिंह ने एक बार फिर झाविमो का दामन थाम लिया है. वह 2015 में झाविमो के महासचिव थे. पर पार्टी में नेतृत्व क्षमता के अभाव की बात कह कर पद से इस्तीफा दे दिया था. अब वह पुन: झाविमो में आ गये हैं. इसकी घोषणा रांची प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में प्रवीण सिंह ने ही की.
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झाविमो के लिए राजनीति में सक्रिय हुए प्रवीण सिंह, यूपीए के लिए करेंगे कैंपेन
रांची : पूर्व एमएलसी व झाविमो के पूर्व महासचिव प्रवीण सिंह ने एक बार फिर झाविमो का दामन थाम लिया है. वह 2015 में झाविमो के महासचिव थे. पर पार्टी में नेतृत्व क्षमता के अभाव की बात कह कर पद से इस्तीफा दे दिया था. अब वह पुन: झाविमो में आ गये हैं. इसकी घोषणा […]
श्री सिंह ने कहा कि उस समय उन्होंने झाविमो के महासचिव पद से इस्तीफा दिया था पर प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था. उस समय मैंने कहा कि था कि राजनीति में सक्रिय नहीं रहूंगा.
पर आज देख रहा हूं कि जिन लोगों ने अलग राज्य के लिए आंदोलन किया था वैसे लोग गौण हो रहे हैं. खासकर भाजपा में इंदर सिंह नामधारी, समरेश सिंह और खुद उन्होंने झारखंड अलग राज्य की मांग को लेकर आवाज उठायी थी.
पर अलग राज्य की मांग करनेवाला आज कोई भी भाजपा में नहीं है. युवा पीढ़ी यह तक नहीं जानती कि अलग राज्य क्यों और कैसे बना. अब वह नयी पीढ़ी को इस बात से भी अवगत करायेंगे. उन्होंने कहा कि वह 40 साल से सक्रिय राजनीति में रहे हैं. श्री सिंह ने कहा कि झारखंड की दिशा भटक गयी है. झारखंड में प्रकृति केंद्रित विकास होना चाहिए था, जो नहीं हो सका.
उन्होंने कहा कि आज बाबूलाल मरांडी ही झारखंड के बेहतर नेता हैं. उनसे बात करके ही पार्टी में वापस आया हूं. श्री सिंह ने कहा कि उनकी भूमिका पार्टी और यूपीए तय करेगी. वैसे वह पलामू, चतरा, लोहरदगा और कोडरमा में बेहतर भूमिका निभा सकते हैं. यूपीए जहां समझेगी इस्तेमाल करेगी.
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