रांची : भूमिगत जल की क्या स्थिति है, गर्मी में पानी की समस्या दूर करने के लिए क्या व्यवस्था है

गंभीर मुद्दा. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने कहा है कि भूमिगतजल का स्तर गिरता जा रहा है. गर्मी आते ही जल स्तर गिरने लगता है. इससे पेयजल की समस्या बढ़ जाती है. भूमिगत जल को रिचार्ज करने की जरूरत है. यदि भूमिगत जल रिचार्ज नहीं होगा, तो पानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2019 9:25 AM
गंभीर मुद्दा. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने कहा है कि भूमिगतजल का स्तर गिरता जा रहा है. गर्मी आते ही जल स्तर गिरने लगता है. इससे पेयजल की समस्या बढ़ जाती है. भूमिगत जल को रिचार्ज करने की जरूरत है. यदि भूमिगत जल रिचार्ज नहीं होगा, तो पानी की समस्या दूर नहींहोगी. इसके लिए भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की जरूरत है. कोर्ट ने यह भी कहा कि राजधानी के जिन अपार्टमेंटों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है, उनका कनेक्शन काटने की जरूरत है.
चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने शुक्रवार को जलस्रोतों के अतिक्रमण व साफ-सफाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से सरकार को सुझाव दिया. खंडपीठ ने राज्य सरकार से जवाब दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि भूमिगत जल की क्या स्थिति है?
गर्मी के दिनों में पानी की समस्या से निबटने के लिए क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब दाखिल किया जाये. इससे पूर्व सरकार को अोर से बताया गया कि निर्माणाधीन व नये बननेवाले भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.
प्रभात खबर ने उठाया था मुद्दा, हाइकोर्ट ने लिया संज्ञान
झारखंड के विभिन्न इलाकों में पानी की विकट समस्या है. कई बार गर्मी के मौसम में भूजलस्तर काफी नीचे चला जाता है. राजधानी रांची भी इससे अछूती नहीं है. प्रभात खबर समय-समय पर गिरते भू-जलस्तर और प्राकृितक जल स्रोतों पर हो रहे अतिक्रमण व उनकी साफ-सफाई को लेकर खबरें प्रकाशित करता रहा है. इसी कड़ी में प्रकाशित एक खबर को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया और उसे स्वत: संज्ञान के तहत जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

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