‘राम’ को वनवास कबूल नहीं, वोट के लिए ‘टहल’ रहे

ई लीजिये. आखिरकार चचा ने नामांकन कर ही दिया. लाव-लश्कर के साथ नामांकन करने पहुंचे थे. भीड़ भी जुटायी थी, अपनी पुरानी पार्टी को ताकत जो दिखानी थी. राजनीति ऐसी बला है कि मन कहां भरता है, पावर का जो खेला है. राम को वनवास कबूल नहीं है. वोट के लिए टहलना-दौड़ना पड़े, लेकिन मांगेंगे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2019 8:05 AM

ई लीजिये. आखिरकार चचा ने नामांकन कर ही दिया. लाव-लश्कर के साथ नामांकन करने पहुंचे थे. भीड़ भी जुटायी थी, अपनी पुरानी पार्टी को ताकत जो दिखानी थी. राजनीति ऐसी बला है कि मन कहां भरता है, पावर का जो खेला है.

राम को वनवास कबूल नहीं है. वोट के लिए टहलना-दौड़ना पड़े, लेकिन मांगेंगे. भले ही पार्टी मान रही हो कि अब रिटायरमेंट का समय आ गया है, लेकिन चचा तैयार नहीं है. अभी बहुत दम है. उनकी उम्र के दूसरे नेताओं का भी टिकट कटा.

रिटायरमेंट मिला, तो कबूल किये. कुछ छटछपटाये, लेकिन अपने चचा तो तनातनी के मूड में हैं भाई. गप्पू चचा पहले से कह रहे थे : ई मानने वाले नहीं हैं. हुआ भी वही. कमल क्लब में थोड़ी बेचैनी है, तो उधर कुछ लोग खुशी से पंजा भी लहरा रहे हैं. अब तो समय ही बतायेगा कि अपने चचा क्या गुल खिलाते हैं, लेकिन जो भी हो चुनउवा तो मजेदार हो गया है़

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