profilePicture

डकरा : 38 मृत कोल कर्मियों के 1.88 करोड़ अवैध तरीके से निकाले

मामले का खुलासा होने के बाद एनके एरिया में हड़कंप डकरा : सीसीएल के 38 मृत कोयला कर्मियों का 1. 88 कराेड़ रुपये फर्जी तरीके से निकाल लिये जाने का मामला पकड़ में आया है. इस खुलासे के बाद एनके एरिया में हड़कंप मचा हुआ है. सीएमपीएफ मुख्यालय, धनबाद ने यह मामला पकड़ा है. खबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2019 9:07 AM
मामले का खुलासा होने के बाद एनके एरिया में हड़कंप
डकरा : सीसीएल के 38 मृत कोयला कर्मियों का 1. 88 कराेड़ रुपये फर्जी तरीके से निकाल लिये जाने का मामला पकड़ में आया है. इस खुलासे के बाद एनके एरिया में हड़कंप मचा हुआ है. सीएमपीएफ मुख्यालय, धनबाद ने यह मामला पकड़ा है. खबर है कि इस मामले की जांच की सिफारिश कर दी गयी है. कुल 38 मामले में 37 एनके एरिया की तीन परियोजना केडीएच, पुरनाडीह व चूरी से जुड़े हुए हैं.
मामला 2016 से 2018 के बीच का है. उस समय जो भी अधिकारी या कर्मचारी सीएमपीएफ के काम से जुड़े हुए थे, उन सबकी बेचैनी बढ़ी हुई है.
एनके क्षेत्र सीएमपीएफ की रांची रीजन-एक से संबंधित है और निकासी का सारा पैसा कॉर्पोरेशन बैंक की रामगढ़ शाखा काे भेजा गया है. रामगढ़ का एक संदिग्ध व्यक्ति बराबर केडीएच, चूरी और पुरनाडीह लगातार आते-जाते रहा है. केडीएच के कुछ श्रमिक नेताओं ने इसकी मौखिक शिकायत तत्कालीन अधिकारियों से भी की थी. इसकी पुष्टि तत्कालीन केडीएच सलाहकार समिति के सदस्य एवं वर्तमान एनके एरिया सलाहकार समिति के सदस्य सुनील कुमार सिंह ने भी की है. लेकिन किसी ने उस शिकायत पर ध्यान नहीं दिया.
क्या है मामला
सीसीएल में कार्यरत कर्मियों के पीएफ एकाउंट में जो पैसा जमा होता है, उसकी दावेदारी लंबे समय तक जब लाभार्थी नहीं करते हैं, तब उस एकाउंट को नॉन इफेक्टिव लेजर में डालने का प्रावधान है. जानकार बताते हैं कि इस घपले में शामिल गिरोह ने सीएमपीएफ कार्यालय से ही ऐसे नॉन इफेक्टिव एकाउंट का पता लगा कर संबंधित परियोजना के अधिकारियों के साथ मिल कर यह गबन किया है.
गिराेह ने मृत कोयला कर्मियाें का फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आइडी कार्ड आैर सीएमपीएफ का पासबुक भी हासिल कर लिया, जिसके सहारे निकासी की गयी. श्रमिक नेता व केडीएच सलाहकार समिति के सदस्य जीपी यादव बताते हैं कि इन जरूरी दस्तावेजों के बगैर सीएमपीएफ से पैसा नहीं निकलता है. सीएमपीएफ कार्यालय में बैठे लोग छोटी से छोटी कमी का हवाला देकर फाइल को बराबर लौटा देते हैं. ऐसे मामले में बारीक जांच क्यों नहीं की गयी है, यह जांच के बाद ही पता चल पायेगा.
एक ही व्यक्ति की लिखावट व हस्ताक्षर
सीएमपीएफ कार्यालय का काम देखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों के पैसे की निकासी की गयी है, उनके दस्तावेज में एक ही व्यक्ति की लिखावट व हस्ताक्षर है. जिनका लिखावट व हस्ताक्षर है, उन्हीं के खाते में पैसा भी गया है.

Next Article

Exit mobile version