भयंकर रूप ले चुका है बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से में उठा चक्रवाती तूफान
रांची : बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से में उठा चक्रवाती तूफान ‘फेनी’ भयंकर रूप ले चुका है. यह तेजी से उत्तर की ओर बढ़ रहा है. 30 अप्रैल को इसके आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु के तट से टकराने की आशंका है. मौसम विभाग के अनुसार ‘फेनी’ के कारण एक मई से ही झारखंड में मौसम बदलाव शुरू हो जाएगा. अगले दो दिन तक विभिन्न हिस्सों में आंधी-तूफान के साथ हल्की बारिश हो सकती है. इसके बाद बादल गहरा जायेंगे. चार मई से तेज बारिश हो सकती है.
मौसम विभाग के अनुसार इस चक्रवाती तूफान का असर करीब-करीब पूरे झारखंड पर दिखेगा. आंध्र प्रदेश और ओड़िशा के तटवर्ती क्षेत्र में इसका ज्यादा असर हो सकता है. मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार चक्रवाती तूफान के मामले में सटीक पूर्वानुमान एक-दिन पूर्व ही लगाया जा सकता है. झारखंड पर असर करीब एक सप्ताह के बाद हो सकता है. इस कारण इसका सही-सही आकलन दो-तीन दिनों के बाद होगा.
रांची का पारा दूसरे दिन भी 40 डिग्री के पार
रांची : करीब-करीब पूरे राज्य में जबरदस्त गर्मी पड़ रही है. पूरे राज्य का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है. पलामू का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार हो गया है. राजधानी रांची का अधिकतम तापमान भी सोमवार को 40.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. न्यूनतम तापमान भी 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकार्ड किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार एक मई को भी राजधानी में स्थानीय कारणों से आकाश में बादल रह सकता है. तेज हवा के साथ-साथ कहीं-कहीं बारिश भी हो सकती है.
रांची : गर्मी से बिहारशरीफ लाइन हुई गर्म टीवीएनएल को उत्पादन घटाना पड़ा
रांची : ललपनिया-बिहारशरीफ ट्रांसमिशन लाइन सोमवार दोपहर 12 बजे के करीब गर्म हो गयी. ठीक इसी समय ललपनिया पतरातू लाइन भी ट्रिप कर गयी. इसकी वजह से ललपनिया स्थित टीवीएनएल के पावर प्लांट से उत्पादन घटाना पड़ा. यह असर तीन घंटे तक रहा, जिसके कारण रांची में भी बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा. दोपहर के समय कई इलाकों में बिजली भी काटनी पड़ी.
बताया गया कि दोपहर 12 बजे से पहले टीवीएनएल की एक नंबर यूनिट से 170 मेगावाट और दो नंबर यूनिट से 190 मेगावाट कुल 360 मेगावाट का उत्पादन हो रहा था. 12 बजे खबर आयी कि ललपनिया-बिहारशरीफ ट्रांसमिशन लाइन गर्म हो रही है. बिहार की ओर से लोड कम करने का आग्रह किया गया. दूसरी ओर ललपनिया-पतरातू लाइन ट्रिप कर गयी.
इस कारण तेनुघाट की दो नंबर यूनिट से उत्पादन घटाकर 20 मेगावाट से भी कम कर दिया गया. दोपहर तीन बजे के बाद लाइन ठीक की गयी. इसके बाद तेनुघाट से उत्पादन भी बढ़ा. समाचार लिखे जाने तक तेनुघाट की एक नंबर यूनिट से 160 मेगावाट और दो नंबर यूनिट से 86 मेगावाट कुल 246 मेगावाट उत्पादन हो रहा था.