नये भारत के लिए नया प्रधानमंत्री जरूरी, रांची में बोले शत्रुघ्न सिन्हा
रांची :भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में चारों ओर घबराहट है, बौखलाहट है, हताशा है. चल-चलंती की बेला है. नये भारत के लिए नया प्रधानमंत्री जरूरी है. इस सरकार का जाना तय है. लोगों ने तय कर लिया है. इस सरकार को हटाकर नयी सरकार लायेंगे. राहुल गांधी के नेतृत्व में देश में नयी सरकार बनेगी […]
रांची :भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में चारों ओर घबराहट है, बौखलाहट है, हताशा है. चल-चलंती की बेला है. नये भारत के लिए नया प्रधानमंत्री जरूरी है. इस सरकार का जाना तय है. लोगों ने तय कर लिया है. इस सरकार को हटाकर नयी सरकार लायेंगे. राहुल गांधी के नेतृत्व में देश में नयी सरकार बनेगी और देश का विकास होगा. यह कहना है भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा का.
बिहार के पटना साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ रहे शत्रुघ्न सिन्हा दो दिन से रांची में थे. कांग्रेस प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय के लिए प्रचार करने आये शॉट गन ने गुरुवार को होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी पूनम सिन्हा उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं की सहमति से सपा-बसपा गठबंधन की प्रत्याशी बनी हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा ने बेबाक अंदाज में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी पर वार भी किये. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने वायदे पूरे नहीं किये. उन्होंने कहा कि दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही थी, उल्टे लोग बेरोजगार हो गये. देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था, कोई स्मार्ट सिटी नहीं दिखती.
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श्री सिन्हा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘वन मैन शो, टू मैन आर्मी’ बन गयी है. लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं का हश्र देखकर उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि सही समय पर वह सही पार्टी और सही दिशा में आ गये हैं. देर आये, लेकिन दुरुस्त आये हैं. भाजपा के ‘शत्रु’ ने कहा कि भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए यह चुनाव चल-चलंती की बेला है. इस बार मोदी सरकार का जाना तय है.
उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल योजनाओं की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में लोगों का विकास होगा. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने 2014 के आम चुनावों में बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थीं. उन्हें वे पूरे नहीं कर पाये. इसलिए कांग्रेस की योजनाओं पर सवाल उठा रहे हैं. श्री सिन्हा ने कहा कि भाजपा में लोकशाही नहीं रही. पार्टी में तानाशाही हावी है. भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आये नेता ने कहा कि भाजपा में एक व्यक्ति फैसला लेता है. अन्य पार्टियों में सामूहिक निर्णय लिये जाते हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि धनशक्ति का बोलबाला है. मीडिया पर भी धनशक्ति का जोर चल रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी को राम मंदिर का मुद्दा सिर्फ चुनाव के समय याद आता है. वन मैन शो, टू मैन आर्मी मुद्दे से भटकाने में माहिर हो गये हैं. ये मुद्दों की बात नहीं करते.
आतंकवाद से लड़ने को प्रतिबद्ध, राष्ट्रहित के मामलों पर राजनीति नहीं
मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किये जाने के फैसले से जुड़े एक सवाल के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि यह अच्छी बात है. उन्होंने ऐसा करवा लिया है. यह देश और विदेशों की मदद से हुआ है. श्री सिन्हा ने कहा कि देश की रक्षा, सुरक्षा और अस्मिता के सवाल पर हम सेना को सलाम करते हैं. इसका राजनीतिक लाभ लेने का किसी को अधिकार नहीं है. वर्तमान सरकार इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है. राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है. उन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक के सरकार के दावे पर भी परोक्ष रूप से सवाल उठाये.
बीएसएफ जवान का नामांकन रद्द होने के फैसले पर शक
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वाराणसी में नरेंद्र मोदी के खिलाफ नामांकन दाखिल करने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव का पर्चा रद्द हो जाता है. मैं यह नहीं कहता कि चुनाव आयोग ने गलत किया है, लेकिन दाल में कुछ काला है. इस फैसले पर शक होता है.
नोटबंदी, जीएसटी और राफेल पर बोले शत्रुघ्न
नोटबंदी और जीएसटी को लागू करने के मोदी सरकार के फैसले पर शत्रुघ्न सिन्हा जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि इन दो फैसलों से आम लोगों के साथ-साथ व्यापारी वर्ग भी तबाह हो गये. लाखों लोगों का रोजगार चला गया. इस मुद्दे पर उन्होंने पार्टी फोरम पर अपनी बात रखनी चाही, लेकिन किसी ने उस तरफ ध्यान नहीं दिया. श्री सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र में संवाद जरूरी है, लेकिन भाजपा में संवाद की कोई जगह नहीं रह गयी है.
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श्री सिन्हा ने सीधे तौर पर राफेल सौदा में घोटाले की बात नहीं कही. उन्होंने कहा कि वह यह नहीं कहते कि राफेल में घोटाला हुआ है. लेकिन, सरकार के फैसले पर तब तक सवाल रहेंगे, जब तक कुछ सवालों के वे जवाब नहीं दे देते. उन्होंने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी और राफेल पर कई सवालों के जवाब जरूरी हैं.
रविशंकर से पारिवारिक रिश्ते
शत्रुघ्न सिन्हा ने पटनासाहिब से उनके खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी को अपना पारिवारिक मित्र बताया. उन्होंने कहा कि रविशंकर से उनके अच्छे ताल्लुकात हैं. लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का हक है. वे भी लड़ रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि वह अपनी जीत को लेकर कितने आश्वस्त हैं, श्री सिन्हा ने कहा कि वह कई बार रिकॉर्ड मतों से जीते हैं और एक बार फिर उस रिकॉर्ड को दोहरायेंगे. बिहार के कुछ नेताओं को उन्होंने एक बार फिर ‘चला हुआ कारतूस’ बताया.
सुबोधकांत से व्यक्तिगत संबंध
शत्रुघ्न सिन्हा ने राजनीति में अपने प्रवेश के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि राजनीति में उनका लालन-पालन भारत रत्न नानाजी देशमुख, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सरीखे अभूतपूर्व नेताओं की देखरेख में हुआ. साथ ही श्री सिन्हा ने कहा कि उन्हें (शत्रुघ्न को) सार्वजनिक जीवन में लाने का श्रेय सुबोधकांत सहाय को जाता है. इसलिए उनका प्रचार करने के लिए उन्हें आना ही था और वह आ गये हैं.
श्री सिन्हा ने कहा कि रांची से वह लखनऊ जायेंगे, जहां रामायण परिवार की बहू और उनकी पत्नी पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. अपने पति धर्म का पालन करते हुए उनके लिए प्रचार करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने इसकी अनुमति दे दी है. श्री सिन्हा ने कहा कि वह जहां भी जा रहे हैं, हर जगह महागठबंधन का बोलबाला देख रहे हैं. इस बार मोदी सरकार बुरी तरह पराजित होगी.