रांची : वन मैन शो और टू मैन आर्मी बन कर रह गयी है भाजपा : शत्रुघ्न

पुराने संबंधों का दिया हवाला, कहा – उम्र में मुझसे छोटे पर गुणों में कहीं बड़े हैं सुबोध रांची : कांग्रेस प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय के पक्ष में प्रचार करने रांची पहुंचे कांग्रेस के स्टार प्रचारक शत्रुघ्न सिन्हा ने मोदी सरकार पर जम कर अपनी भड़ास निकाली. होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2019 7:53 AM
पुराने संबंधों का दिया हवाला, कहा – उम्र में मुझसे छोटे पर गुणों में कहीं बड़े हैं सुबोध
रांची : कांग्रेस प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय के पक्ष में प्रचार करने रांची पहुंचे कांग्रेस के स्टार प्रचारक शत्रुघ्न सिन्हा ने मोदी सरकार पर जम कर अपनी भड़ास निकाली. होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने श्री सहाय से अपने निजी संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि रांची से पार्टी ने सुबोधकांत सहाय को अपना प्रत्याशी बनाया है. वह उम्र में मुझसे भले ही छोटे हैं, पर गुणों में मुझसे कहीं बड़े हैं.
नरेंद्र मोदी, अमित शाह पर हमला करते हुए शत्रु ने कहा कि हाल के दिनों में बीजेपी के अंदर लोक शाही को धीरे-धीरे तानाशाही में बदलते देखा है, अभी वन मैन शो और टू मैन आर्मी का दौर है. शत्रुघ्न ने कहा कि आज उनकी तरह कई नेता हैं जो हालिया नीतियों के चलते घुटन महसूस कर रहे हैं. मैंने सही वक्त पर भाजपा को अलविदा कह दिया और देर से ही सही पर आश्वस्त हूं कि अपने लिए दुरुस्त पार्टी (ग्रैंड ओल्ड पार्टी) काे चुना. आज जो स्थिति हो गयी है, उस दशा में बीजेपी के अंदर रह कर चलना अब उनके लिए असहाय हो गया था.
श्री सिन्हा ने कहा कि मौजूदा दौर में पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक गयी है. मौजूदा नेतृत्व ने लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी जैसे कद्दावर नेताओं, जिसने पार्टी का वजूद रखा उससे ही खुद को दूर कर लिया है. उन्होंने जहां पीएम मोदी पर स्मार्ट सिटी, नोटबंदी, जीएसटी, बेराेजगारी, सेना का राजनीतिकरण जैसे मुद्दों को लेकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जम कर तारीफ की.
उन्होंने कहा कि देश में धनशक्ति का जनशक्ति पर जोर है, जिसकी आड़ में मुद्दों से भटकाया जा रहा है. भाजपा के लिए चला-चली की बेला है. जनता तय कर चुकी है. इनका जाना तय है-उनका आना तय है. इस निर्णय में रांची के लोगों की भी सहभागिता जरूरी है.

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