राजधानी रांची लोकसभा चुनाव की हॉट सीट है़ इस सीट पर सबकी नजर है़ इस प्रतिष्ठित सीट को जीतने के लिए एनडीए और यूपीए दोनों दम लगा रहे हैं, तो भाजपा से बागी हुए वर्तमान सांसद रामटहल चौधरी भी खेल बिगाड़ने की जुगत में लगे है़ं यहां लड़ाई रोमांचकारी है़. कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय मोरचा संभाल रहे हैं.
वहीं पहली बार चुनावी जंग में उतरे भाजपा के संजय सेठ सियासी गलियारे में रास्ते बनाने में जुटे है़ राष्ट्रवाद के मुद्दे हैं, स्थानीय समस्याओं को दूर करने के वादे हैं,इसमें चुनावी दावं-पेंच में जनता के भी सवाल है़ं प्रभात चौपाल में भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ और कांग्रेस के प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय से जनता की ओर से पांच सवाल पूछे गये़. वो पांच सवाल हैं.
1. जनता आपको क्यों चुने?
2. आप दूसरे प्रत्याशी से किस मायने में अलग हैं?
3. आपकी क्या प्राथमिकता होगी?
4. ऐसा आप क्या नया करेंगे, जो अब तक आपके क्षेत्र में नहीं हुआ?
5. संसद में क्षेत्र के कौन से मुद्दे और समस्या आपकी प्राथमिकता में होंगे?
मैं झूठे वादे नहीं करता, सुख-दुख में उपलब्ध रहता हू़ं : सुबोधकांत
1. क्षेत्र की जनता के साथ दो चार वर्षों का नहीं, पूरे 40 वर्षों का साथ है. मैं लोगों के बीच रहता हूं और लोगों की समस्याओं से अवगत हूं. इस दौरान विपक्षी दल के कई नेता और उम्मीदवार अपने स्वार्थ के लिए दल-बदल किये और काम कुछ नहीं किया. भाजपा सरकार ने देश व राज्य को केवल सब्जबाग दिखाया है, लेकिन कांग्रेस पार्टी जो बोलती है, वह करती है.
2. यह तो जनता बतायेगी? मैं लोगों के हर सुख-दुख में दिन-रात उपलब्ध रहता हूं. मैं जनता से झूठा वादा नहीं करता है. जनता बीजेपी की सरकार से त्रस्त हो गयी है. मैं जात-पात की राजनीति नहीं करता है. सभी धर्म, संप्रदाय के लिए सुबोध खड़ा रहता है.
3. रांची को कूड़ेदान बना दिया गया है. लोगों के पास पीने का पानी नहीं है. नाली और सड़क की स्थिति यह है कि गली-मुहल्ले में सड़क नहीं है और मेन रोड में जहां सड़क और नाली है कमीशनखोरी के चक्कर में कई बार तोड़ा और बनाया जा रहा है. राजधानी रांची स्मार्ट स्थिति बनते-बनते स्मार्ट डस्टबीन बन गया है. राज्य में बीजेपी ने 16 वर्षों से अधिक राज किया है, लेकिन विकास नहीं हुआ. हमारी प्राथमिकता लोगों की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना है.
4. पानी, बिजली, सड़क तो प्राथमिकता होगी ही साथ ही एचइसी कर्मियों को बकाया एरियर का भुगतान जो वर्षों से लंबित है, उसे दिलाने का प्रयास करेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में युवा रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं, उन्हें अपने गांव में रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य करेंगे. कांग्रेस ने अपने घोषणा में गरीबों के लिए जो योजना लायी है, उसे अपने क्षेत्र में भी लागू करायेंगे.
5. समस्या तो अनगिनत है. अभी देश में तानाशाही बढ़ गयी है. दो लोग देश को चला रहे हैं. केवल गुजरात के लोगों को बड़े-बड़े पदों पर रखा जा रहा है. बीजेपी सरकार देश के 10 पूंजीपतियों के लिए कार्य कर रही है. सभी मीडिया पर दबाव बना कर अपने पक्ष करने, सामाजिक ताना-बाना को समाप्त करने का काम किया है. देश को आर्थिक रूप से कमजोर किया है. सभी व्यवसायी आर्थिक रूप से कमजोर हो गये हैं, उनकी कमर टूट गयी है. इन समस्याओं को उठायेंगे.
भाजपा का कार्यकर्ता हूं, जनता की आवाज बनूंगा : संजय सेठ
1. हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं. लोकसभा चुनाव इसलिए हो रहा है कि केंद्र में अच्छी सरकार बने. इसमें मैं मात्र गिलहरी की भूमिका में हूं. जनता नरेंद्र मोदी के विकास को लेकर वोट डालने के लिए उत्सुक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांव, टोला, मुहल्ला की तस्वीर बदली है. धरातल से अंतरिक्ष तक विकास दिख रहा है. विकास के जो काम पिछले 65 साल में नहीं हो पाये, वह पिछले पांच साल में हुए. इसलिए जनता कह रही है कि फिर एक बार मोदी सरकार.
2. प्रकृति में बदलाव की तरह ही जनता भी नया चेहरा देखना पसंद करती है. मैं संसद में जनता की आवाज बनूंगा. रांची के लिए जो बेहतर प्रोजेक्ट होगा, उसका अध्ययन कर धरातल पर उतारने का काम करूंगा.
3. रांची में स्कूलिंग बढ़िया है. यहां पर छत्तीसगढ़, बंगाल, बिहार और ओड़िशा से बच्चे पढ़ने आते हैं. मेरा प्रयास होगा कि रांची एक एजुकेशन हब के रूप में विकसित हो. उच्च शिक्षा के लिए यहां के बच्चों को बाहर नहीं जाना पड़े. ऐसा होने से राजस्व भी बाहर नहीं जायेगा. झारखंड को पर्यटन हब बनाने को लेकर प्रयास करेंगे. यहां का पर्यावरण व वातावरण कश्मीर व शिमला से भी अच्छा है.
4. राजधानी रांची में कंक्रीट का जंगल खड़ा हो गया है. यहीं पुरानी सुंदरता समाप्त हो गयी है. तालाबों को भर कर अपार्टमेंट खड़ा कर दिया गया है. मेरा प्रयास होगा कि अब कोई भी तालाब नहीं भरा जाये. यह भी प्रयास किया जायेगा कि अब शहर से बाहर ही मल्टी स्टोरी बिल्डिंग व मॉल बने.
5. संसद में विस्थापन का मामला जोरदार ढंग से उठायेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री से विस्थापन आयोग गठित कराने का आग्रह करेंगे, ताकि विस्थापितों को न्याय मिल सके. विस्थापितों को विशेष पैकेज दिलाने का भी प्रयास करेंगे. मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी मिले. इसको लेकर नियम को कड़ाई से पालन कराने का काम करेंगे. शहर की बुनियादी संरचना को और बेहतर करने के लिए काम करूंगा.