रांची : कुंदन पर तीन जिलों में दर्ज हैं 107 मामले, साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से बरी हुआ हार्डकोर

रांची : मंत्री, सांसद व पुलिस अधिकारी की हत्या, बैंक की संपत्ति लूटने सहित कई मामलों में आरोपी हार्डकोर नक्सली कुंदन पाहन उर्फ आशीष उर्फ विकास एक बार फिर से चर्चा में है. वजह है रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के बारुहातु में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से बरी होना. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2019 8:03 AM
रांची : मंत्री, सांसद व पुलिस अधिकारी की हत्या, बैंक की संपत्ति लूटने सहित कई मामलों में आरोपी हार्डकोर नक्सली कुंदन पाहन उर्फ आशीष उर्फ विकास एक बार फिर से चर्चा में है.
वजह है रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के बारुहातु में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से बरी होना. हैरत तो यह है कि जिस पुलिस अफसर (नागेश्वर रजक) ने मामले में कुंदन पाहन को आरोपी बनाया था या फिर जो अफसर मुठभेड़ में शामिल थे, वे भी गवाही के दौरान कोर्ट में कुंदन पाहन को पहचान तक नहीं पाये. इससे इस बात को बल मिलता है कि मुठभेड़ से जुड़े जिन मामलों में पुलिस केस दर्ज करती है वह महज सुनी सुनायी बातों पर होती है. मई 2017 में रांची में पुलिस अफसरों के समक्ष सरेंडर के बाद भी कुंदन पाहन को लेकर सवाल खड़े हुए थे.
इस दुर्दांत पर तीन जिलाें में कुल 107 प्राथमिकी विभिन्न थानों में दर्ज है. इनमें नक्सल से जुड़े 17 सीएलए एक्ट, आर्म्स एक्ट और लूट आदि के रांची जिले में 24, चाईबासा में 27 और खूंटी में सबसे ज्यादा 56 प्राथमिकी है.
नामी स्कूल में पढ़ती है बेटी
कुंदन पाहन मूल रूप से खूंटी जिले के अड़की थाना क्षेत्र अंतर्गत बारीगढ़ा का निवासी है. वह नारायण पाहन का बेटा है. वह हिंदी के अलावा पंचपरगनिया, मुंडारी, सादरी और संथाली भाषा बोलता है. इसकी पत्नी वाहामुनी है, जो गृहिणी है. कुंदन की दो बेटियां हैं. एक 11 साल की है और राजधानी की नामी स्कूल में पांचवीं की छात्रा है. जबकि एक बेटी करीब तीन साल की है.
तीन भाई रहे हैं नक्सली
छह भाइयों में कुंदन के अलावे बड़ा भाई डिंबा पाहन और श्याम पाहन भी नक्सली रहे हैं. डिंबा ने सात जनवरी 2017 को खूंटी में डीआइजी के समक्ष सरेंडर किया था. जबकि श्याम पाहन को हरियाणा के यमुना नगर जिले के बिलासपुर में पुलिस ने पकड़ा था.

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