Education News : इंटर कॉलेजों के हर संकाय में बढ़ेंगी 128 सीटें, शिक्षा मंत्री ने दी मंजूरी

राज्य के इंटर कॉलेजों के हर संकाय में 128 सीटें बढ़ायी जायेंगी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के इस प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी. अब यह प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में भेजा जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 20, 2024 12:40 AM

प्रमुख संवाददाता (रांची). राज्य के इंटर कॉलेजों के हर संकाय में 128 सीटें बढ़ायी जायेंगी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के इस प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी. अब यह प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में भेजा जायेगा. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद इस संबंध में पत्र जारी किया जायेगा. बता दें कि राज्य में इस वर्ष इंटर कॉलेजों में सीटें कम कर दी गयी थीं. इंटर कॉलेज सीटें बढ़ाने की मांग कर रहे थे. इसके लिए शिक्षक चरणबद्ध आंदोलन भी कर रहे थे. इस वर्ष इंटर कॉलेजों में प्रति संकाय अधिकतम 128 सीटें निर्धारित की गयी थीं. अब इसमें प्रति संकाय 128 और सीटें बढ़ायी जायेंगी. कॉलेजों में सीट बढ़ोतरी के लिए आवश्यक संसाधन का होना अनिवार्य होगा. इस संबंध में शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा : छात्रहित को ध्यान में रखते हुए राज्य के इंटर कॉलेजों में सीट बढ़ोतरी के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. सरकार द्वारा जल्द ही इस संबंध में आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर पत्र जारी कर दिया जायेगा. इसके बाद कॉलेज सरकार के निर्णय के अनुरूप बढ़ी हुई सीटों पर नामांकन ले सकेंगे.

सात साल बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए मांगे गये आवेदन

रांची. राज्य में सात साल बाद इस वर्ष झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) होगी. झारखंड एकेडमिक काउंसिल(जैक) ने परीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस संबंध में शुक्रवार को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया. जैक द्वारा जारी पत्र के अनुसार, जेटेट के लिए अभ्यर्थी 23 जुलाई से 22 अगस्त तक आवेदन जमा कर सकेंगे. आवेदन झारखंड जैक की वेबसाइट www.jac.jharkhand.gov.in/jac के माध्यम से जमा होगा. राज्य में पिछली झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2016 में हुई थी. इस वर्ष परीक्षा के लिए उम्र सीमा में सात वर्ष की छूट मिले सकती है.

सामान्य वर्ग के लिए 60 फीसदी अंक लाना अनिवार्य :

कक्षा एक से पांच व छह से आठ के लिए अलग-अलग परीक्षा ली जायेगी. सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 60 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा़ वहीं, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 55 फीसदी और दिव्यांग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा. सामान्य वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए लिए परीक्षा शुल्क 1300 रुपये होगा, जबकि दिव्यांग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए 700 रुपये निर्धारित है. परीक्षा में अभ्यर्थियों के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा में से किसी एक भाषा का परीक्षा देना व उसमें सफल होना अनिवार्य होगा.

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