रांची : कहीं भी चांद का नहीं हो पाया दीदार, माह-ए-रमजान कल से
आज की रात से तरावीह पढ़ी जायेगी, की जा रही है िवशेष तैयारी रांची : राजधानी सहित देश के किसी भी हिस्से में रमजानुल मुबारक का चांद नजर नहीं आया है. इस संबंध में विभिन्न धार्मिक संगठनों ने इसकी पुष्टि कर दी है. चांद नजर नहीं आने के कारण रोजा मंगलवार से शुरू होगा. सोमवार […]
आज की रात से तरावीह पढ़ी जायेगी, की जा रही है िवशेष तैयारी
रांची : राजधानी सहित देश के किसी भी हिस्से में रमजानुल मुबारक का चांद नजर नहीं आया है. इस संबंध में विभिन्न धार्मिक संगठनों ने इसकी पुष्टि कर दी है. चांद नजर नहीं आने के कारण रोजा मंगलवार से शुरू होगा. सोमवार की रात से तरावीह पढ़ी जायेगी .
चांद को लेकर बैठक : इमारत शरिया दारूल कजा इमारत शरिया रांची के काजी शरीयत मुफ्ती अनवर कासमी ने कहा कि रविवार को रांची में रमजान उल मुबारक महीने का चांद नजर नहीं आया है और न ही देश के किसी भी क्षेत्र से चांद देखे जाने की कोई सूचना प्राप्त हुई है.
इसलिए मंगलवार को रमजान उल मुबारक महीने की पहली तारीख होगी और तरावीह की नमाज अदा की जायेगी. श्री कासमी ने सभी लोगों को रमज़ान उल मुबारक की मुबारकबाद दी है. बैठक की अध्यक्षता मौलाना सिदीक मजाहिरी इमाम व खतीब जमा मसजिद ने की .
बैठक में मौलाना अबुल कलाम , मौलाना डॉक्टर उबैदुल्ला कासमी, मुफ्ती डॉक्टर सलमान क़ासमी, मौलाना डॉक्टर असगर मिसबाही, मौलाना रिजवान अहमद कासमी, हाफिज शमीम अहमद ,मौलाना रफीक आलम मजाहिरी, मौलाना उमर फारूक कासमी, हाजी शकील अहमद, डॉ यासीन कासमी, कारी जान मोहम्मद मुस्तफी, मुफ्ती अबदुल्लला अजहर कासमी, कारी सोहैब अलीमी, मौलाना जहीरूलहसन शमसी और कारी अब्दुल हफीज इरफानी सहित अन्य उपस्थित थे .
एदार-ए- शरिया की बैठक
चांद देखे जाने को लेकर एदार-ए-शरिया के काजीयाने शरीयत, मुफ्तियाने केराम और उलेमाअों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता मुख्य काजी शरीयत हजरत मुफ्ती आबिद हुसैन मिसबाही ने की. उन्होंनेे कहा कि 29/शाबान को रांची और आसपास में बादल होने की वजह से रमजानुल मोबारक का चांद नजर नहीं आया है .
राज्य के विभिन्न भागों में आसमान साफ था, लेकिन चांद नजर नहीं आया. देश में कई जगहों से संपर्क किया गया, लेकिन कहीं से भी रमजानुल मोबारक का चांद नजर आने की कोई खबर नहीं है. इसलिए मंगलवार को रमजान उल मोबारक का पहला रोजा रखा जायेगा.
बैठक में नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी , मौलाना सैयद शाह अलकमा शिबली, मुफ्ती आबिद हुसैन मिसबाही, सैयद नुरुल एैन बरकाती, सईद, मुफ्ती एजाज हुसैन, मौलाना डॉ ताजुद्दीन रिजवी, मौलाना नसीमुद्दीन खान, मुफ्ती फैजुल्लाह मिसबाही, कारी अयुब, मौलाना दिलदार हुसैन मिसबाही, मौलाना मुजीबुर रहमान, एसएम. मोइन, हाफिज नसरुल्लाह, मौलाना इरशाद मिसबाही, मौलाना अब्बास मिसबाही, हाफिज मोबीन रिजवी, मौलाना फारुक मिसबाही और मौलाना नेजामुद्दीन सहित अन्य उपस्थित थे.