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निजी स्कूलों की फीस में असमानता क्यों : हाइकोर्ट

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को निजी स्कूलों में प्रत्येक वर्ष मनमाने तरीके से फीस वृद्धि को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया. खंडपीठ ने पूछा कि स्कूलों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2014 12:54 PM

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को निजी स्कूलों में प्रत्येक वर्ष मनमाने तरीके से फीस वृद्धि को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया. खंडपीठ ने पूछा कि स्कूलों की फीस में इतनी अधिक असमानता क्यों है.

राज्य में इन स्कूलों की फीस रेगुलेट करने का कोई नियम है या नहीं. खंडपीठ ने सरकार को गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु आदि राज्यों में स्कूल फीस बढ़ाने व रेगुलेट करने के तरीकों का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

साथ ही स्कूलों की फीस में समानता के लिए क्या कदम उठाये गये है, उसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से देने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि निजी स्कूलों द्वारा प्रत्येक वर्ष मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी की जाती है. इसे रोकने में राज्य सरकार विफल रहती है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

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