रांची : लोयला कॉलेज ऑफ एजुकेशन की याचिका खारिज

हाइकोर्ट ने कोल्हान विश्वविद्यालय के फैसले को सही ठहराया रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सोमवार को लोयला कॉलेज अॉफ एजुकेशन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई. लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही प्रतिवादी कोल्हान विश्वविद्यालय के फैसले को सही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2019 8:37 AM
हाइकोर्ट ने कोल्हान विश्वविद्यालय के फैसले को सही ठहराया
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सोमवार को लोयला कॉलेज अॉफ एजुकेशन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई. लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही प्रतिवादी कोल्हान विश्वविद्यालय के फैसले को सही ठहराया.
अदालत ने कहा कि किसी भी संबद्धता या अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त कॉलेज में शिक्षक व प्राचार्य की नियुक्ति बिना जेपीएससी की अनुशंसा के नहीं की जा सकती है. विश्वविद्यालय अधिनियम में इसका प्रावधान है.
इससे पूर्व कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक प्रसाद सिंह ने अदालत को बताया कि प्रार्थी को अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था की मान्यता राज्य सरकार ने नहीं दी है. विश्वविद्यालय अधिनियम 2018 का प्रावधान लागू है.
इसमें कहा गया है कि संबद्धता प्राप्त या अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा प्राप्त कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति जेपीएससी की अनुशंसा के बाद की जायेगी. संस्थान के शासी निकाय द्वारा नियुक्त प्राचार्य की नियुक्ति बिना जेपीएससी की अनुशंसा के ही कर दी गयी है. इन सारी कमियों को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेज के नियुक्ति प्रस्ताव पर अनुमोदन नहीं किया. प्रस्ताव को अस्वीकृत किया. वहीं प्रार्थी की अोर से दलील दी गयी कि उसे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा दिया है. केंद्रीय आयोग द्वारा दर्जा मिलने के बाद राज्य सरकार के अल्पसंख्यक संस्थान होने संबंधी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होती है.
प्रार्थी पर लगा पांच हजार रुपये का जुर्माना
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनंत बिजय सिंह की अदालत में सोमवार को विधायक विमला प्रधान के निर्वाचन को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से गवाह नहीं प्रस्तुत किया गया. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए प्रार्थी के खिलाफ 5000 रुपये जुर्माना लगाने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी.
पिछली सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री नियेल तिर्की की आंशिक गवाही हुई थी. आज भी श्री तिर्की की गवाही निर्धारित थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में व्यस्तता का हवाला देकर अदालत में गवाही के लिए उपस्थित नहीं सके. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी प्रफुल्ल चंद्र बेसरा ने चुनाव याचिका दायर की है. उन्होंने प्रतिवादी विधायक विमला प्रधान के निर्वाचन को चुनाैती दी है.

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