रांची : भारतीय जैन संगठन करेगा दुमका व खूंटी के जलाशयों की सफाई का काम

रांची : कृषि विभाग ने बंजर भूमि राइस फेलो स्कीम के तहत खूंटी व दुमका के जलाशयों की सफाई का काम भारतीय जैन संगठन को दिया है. इसके लिए संगठन को ईंधन मद में 9.75 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. यह काम राज्य योजना के तहत होगा. कृषि विभाग ने स्कीम के संचालन के लिए राज्यादेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2019 12:28 AM

रांची : कृषि विभाग ने बंजर भूमि राइस फेलो स्कीम के तहत खूंटी व दुमका के जलाशयों की सफाई का काम भारतीय जैन संगठन को दिया है. इसके लिए संगठन को ईंधन मद में 9.75 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. यह काम राज्य योजना के तहत होगा. कृषि विभाग ने स्कीम के संचालन के लिए राज्यादेश निकाल दिया है.

इसके तहत सिंचाई की कमी को दूर करने के लिए पांच एकड़ तक के तालाबों एवं अन्य जल निकाय के गहरीकरण का काम कराया जायेगा. संगठन के इस काम को राज्य के मंत्रिमंडल की भी सहमति मिल गयी है.
ग्लोबल एग्री समिट में दिया था प्रस्ताव
29 नवंबर को हुए ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट के दौरान भारतीय जैन संगठन ने महाराष्ट्र में चलाये जा रहे सुजलाम-सुफलाम योजना की तर्ज पर झारखंड में जलाशयों की सफाई का प्रस्ताव दिया था.
इसके बाद भूमि संरक्षण विभाग के साथ जैन संगठन का एमओयू हुआ था. इस एमओयू को विलोपित करते हुए विधि विभाग ने मंत्रिपरिषद से स्वीकृति लेने का सुझाव दिया था. इसके बाद यह सुझाव दिया गया था.
मनोनयन के आधार पर होगा चयन
योजना के संचालन के लिए संगठन का चयन मनोनयन के आधार पर होगा. संगठन गाद निकासी के लिए कोई शुल्क सरकार या रैयत से नहीं लेगा. गाद निकासी के कार्य में लगायी जानेवाली मशीन का ईंधन का खर्च दिया जायेगा.
एक एकड़ वाले जलाशय के गाद निकासी में ईंधन पर खर्च कुल खर्च का 33 फीसदी होगा. तीन एकड़ वाले तालाब का खर्च 35 तथा पांच एकड़ वाले का 36 फीसदी होगा. गाद निकासी का काम उपायुक्त के निर्देश में होगा. जेसीबी या समकक्ष स्तर की मशीन का उपयोग होगा.
75 फीसदी लाभुकों का चयन विधायक की अनुशंसा पर
योजना के तहत 75 % लाभुकों का चयन विधायकों की अनुशंसा पर किया जायेगा. शेष 25 फीसदी तालाबों एवं अन्य जल निकाय का जीर्णोद्धार ग्राम सभा द्वारा चयनित स्कीम से होगा. दोनों मामले में योजना की स्वीकृति उपायुक्त से होगी. उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी में उप विकास आयुक्त, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, व संबंधित अनुमंडल के पदाधिकारी शामिल होंगे.

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