कर्ज वसूलने में मदद करे सरकार सक्षम कर्जदार भी नहीं लौटा रहे पैसे
बैंकों का ऋण-जमा अनुपात घटा, खराब कर्ज की मर्ज भी बढ़ी डूबे कर्ज की समस्या से निजात नहीं, इस तिमाही करोड़ों रुपये का इजाफा रांची : राज्य के अंदर कार्यरत बैंकों का एनपीए इस तिमाही भी करोड़ों रुपये बढ़ गया है. होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 67 वीं त्रैमासिक बैठक में […]
- बैंकों का ऋण-जमा अनुपात घटा, खराब कर्ज की मर्ज भी बढ़ी
- डूबे कर्ज की समस्या से निजात नहीं, इस तिमाही करोड़ों रुपये का इजाफा
रांची : राज्य के अंदर कार्यरत बैंकों का एनपीए इस तिमाही भी करोड़ों रुपये बढ़ गया है. होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 67 वीं त्रैमासिक बैठक में बताया गया कि 31 मार्च तक बैंकों का ग्रास एनपीए 5 हजार 712 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि ठीक एक साल पहले यह करीब 5 हजार 223 करोड़ रुपए था. लगातार बढ़ते खराब कर्ज को देखते हुए आरबीआइ भी चिंतित है.
उसने चिंता जताते हुए इसकी वसूली के लिए सख्त कदम उठाने को कहा. जीएम संजीव दयाल ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए अगर सरकार बैंकों की मदद के लिए मजबूती से सामने नहीं आती है, तो आने वाले समय में बैंकों का डूबा कर्ज और बढ़ेगा.
पहली तिमाही की समीक्षा, साइबर फ्राॅड से बचने की अपील की
इस मौके पर वित्तीय वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही की उपलब्धियों की समीक्षा की गयी. इसमें साइबर फ्राड से होनेवाले खतरों को लेकर बैंकों को आगाह किया गया. वित्त सचिव के़ के खंडेलवाल ने कहा कि लाभुकों को कृषि ऋण और महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के लिए लोन सही समय पर नहीं मिल रहा है, इसे आसान बनाना चाहिए.
बैठक के दौरान एसएलबीसी के महाप्रबंधक सीएस सहाय, आरबीआइ के जीएम संजीव दयाल, नाबार्ड के सीजीएम एके पाडी, विन्सेंट लकड़ा सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे.
ऋण-जमा अनुपात में कमी
राज्य में ऋण-जमा अनुपात ( सीडी रेशियो ) तय मानक से 60 प्रतिशत घट गया है, जबकि बैंकों के खराब लोन में वित्तीय संस्थानों की सख्ती के बावजूद भारी वृद्धि दर्ज की गयी है़ बैंकों का कर्ज बांटने का अनुपात जहां पिछले साल 60.31 था, वह 2019 की पहली तिमाही में घटकर 57.33 रह गया है.
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बैंक पुरस्कृत
अपने क्षेत्र में ओवर ऑल बेहतर प्रदर्शन करने वाले एसबीआइ, बैंक अॉफ इंडिया और इंक्रीमेंट ग्रोथ के आधार पर केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक को सम्मानित किया गया.
पिछड़े जिलों को विकास के साथ जोड़ना लक्ष्य
बैठक में राज्य के पिछड़े जिलों को विकास के साथ जोड़ने को लेकर चर्चा हुई. 40 प्रतिशत से कम सीडी रेशियो वाले 16 जिलों में अलग से रिव्यू कमेटी महीने में एक बैठक कर आर्थिक प्रगति की समीक्षा करेगी. पाकुड़, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम और साहेबगंज जिलों में विशेष ध्यान देने की बात कही गयी.
इन पर हुआ गहन विमर्श
- रिकवरी क्षेत्र में ऋण वसूली के लिए समर्पित अधिकारी की नियुक्ति
- डिजिटल लैंड रिकॉर्ड्स को बैंकों के साथ साझा करने का विचार
- फर्जी तरीके से डिपॉजिट, पौंजी स्कीम, साइबर फ्राॅड पर बनायी जायेगी विशेष रणनीति कृषि ऋण तय मापदंड से 18 फीसदी पीछे ऋण-जमा अनुपात में तीन प्रतिशत की गिरावट एग्रीकल्चर लोन में कलेक्टोरल सिक्योरिटी के अंदर आरबीआइ का पालन नहीं प्रधानमंत्री रोजगार योजना लक्ष्य से काफी दूर, राज्य में महज 1,577 लाभुक 16 हजार स्वयं सहायता समूह के आवेदन लंबित
कई बैंकों का काम-काज फिसड्डी
कई बैंकों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जबकि कई बैंकों का प्रदर्शन औसत है. इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है. जम्मू एंड कश्मीर बैंक कृषि क्षेत्र, पीएमजेडीवाय, रुपे कार्ड सहित सभी पारामीटर पर सबसे आखिरी पायदान पर है.