पुलिस ने क्राइम कंट्रोल के लिए तैयार किया एेप
रांची : झारखंड में क्राइम कंट्रोल के लिए अपराधियों और नक्सलियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए झारखंड पुलिस हाइटेक हो चुकी है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय डाटा सेंटर ने एक मोबाइल एेप तैयार किया है. एेप का नाम है क्राइम कंट्रोल एेप. यह एेप क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम से […]
रांची : झारखंड में क्राइम कंट्रोल के लिए अपराधियों और नक्सलियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए झारखंड पुलिस हाइटेक हो चुकी है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय डाटा सेंटर ने एक मोबाइल एेप तैयार किया है. एेप का नाम है क्राइम कंट्रोल एेप. यह एेप क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम से भी जुड़ा है. एेप में कई फीचर्स हैं.
इसमें अपराध, अपराधियों, अपराधी गैंग, चोरी के वाहन, वाहन का सत्यापन, ड्राइविंग लाइसेंस वेरिफिकेशन, एफआइआर डिटेल, क्राइम मैपिंग, पुलिस अधिकारियों के संपर्क नंबर, लोकेशन, ट्रेकर और नक्सलियों का पूरा डाटा है. एेप को डाउनलोड करने के लिए पुलिस मुख्यालय से एक लिंक भेजा जाता है. इसके बाद संबंधित पुलिस अधिकारी इस एेप को डाउनलोड कर सकते हैं. आम लोगों के प्रयोग के लिए यह एेप नहीं है.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में झारखंड पुलिस के कई अधिकारी इस एेप का उपयोग करते हैं. एेप में नक्सलियों का पूरा डाटा है. किसी नक्सली का नाम डालने पर उस नक्सली का पूरा पता, उसके खिलाफ किस थाने में कितने मामले दर्ज हैं, इसकी पूरी जानकारी संबंधित पुलिस अधिकारी को मिल जाती है.
इसी तरह किसी अपराधी के अापराधिक रिकॉर्ड जानने के लिए एेप का प्रयोग किया जा सकता है. लेकिन एेप का अधिक प्रचार-प्रसार नहीं होने की वजह से अभी भी कई पुलिस अधिकारियों को न तो इस एेप के बारे में जानकारी है और न ही वे इसका प्रयोग करते हैं.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार किसी वाहन के नंबर के आधार पर भी उसके मालिक के नाम और पता के अलावा गाड़ी के सत्यापन के बारे में भी इस एप के जरिये पुलिस को काफी सहयोग मिलता है. अगर कोई फर्जी नंबर का उपयोग कर वाहन चला रहा हो, तो इसके बारे में भी जानकारी मिल जाती है.
इसके अलावा अपराधियों को ट्रैक करने में भी यह एेप पुलिस अधिकारियों को सहयोग करता है. इस एेप में झारखंड राज्य के विभिन्न थानाें में दर्ज केस, चार्जशीट का पूरा ब्योरा है. वर्तमान में इस एेप को और अपडेट करने की कोशिश की जा रही है, ताकि वर्तमान केस की स्थिति के बारे में भी एेप के जरिये जानकारी मिल सके.