राज्य के शहरों के विकास के लिए विश्व बैंक देगा 1400 करोड़ रुपये

विश्व बैंक के अधिकारियों ने नगर विकास सचिव के साथ बैठक की रांची, दुमका व सिमडेगा में विश्व बैंक संपोषित योजनाओं पर जल्द शुरू हो काम : सचिव राजधानी रांची में आधारभूत संरचना का होगा क्षेत्र आधारित विकास दुमका और सिमडेगा में शहरी जलापूर्ति योजना का डीपीआर तैयार रांची : राजधानी में आधारभूत संरचना का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2019 2:54 AM
  • विश्व बैंक के अधिकारियों ने नगर विकास सचिव के साथ बैठक की
  • रांची, दुमका व सिमडेगा में विश्व बैंक संपोषित योजनाओं पर जल्द शुरू हो काम : सचिव
  • राजधानी रांची में आधारभूत संरचना का होगा क्षेत्र आधारित विकास
  • दुमका और सिमडेगा में शहरी जलापूर्ति योजना का डीपीआर तैयार

रांची : राजधानी में आधारभूत संरचना का क्षेत्र आधारित विकास किया जायेगा. विश्व बैंक संपोषित योजना के तहत राजधानी रांची के चयनित जोन में एकीकृत आधारभूत संरचना पर काम किया जायेगा. इसमें सड़कों के साथ ड्रेनेज, सीवरेज, ड्रिंकिंग वाटर, पाइप लाइन और साइकिल ट्रैक की व्यवस्था की जायेगी. सीवरेज निर्माण से पहले रांची नगर निगम ने विकास के नजरिये से शहर को चार भागों में बांटा है. इनमें से एक भाग का चयन कर शहर के उस हिस्से में आधारभूत संरचना को विकसित करने पर काम किया जायेगा.

नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने रांची, दुमका और सिमडेगा में राज्य में विश्व बैंक संपोषित योजनाओं की समीक्षा की. शहरी जलापूर्ति योजना की कार्य प्रगति की जानकारी ली. उन्होंने जल्द से जल्द योजनाओं का डीपीआर बना कर फंड का सदुपयोग करने के निर्देश दिये.

सचिव को बताया कि रांची में किसी एक जोन के इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट के लिए ही डीपीआर बनाने की आवश्यकता है. दुमका व सिमडेगा शहरी जलापूर्ति योजना का डीपीआर तैयार कर लिया गया है. झारखंड म्यूनिसिपल डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत विश्व बैंक ने लगभग 1400 करोड़ रुपये से अधिक राशि की योजनाओं के लिए फंड देने का करार किया है.

इसमें 70 प्रतिशत राशि विश्व बैंक व 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी. इस प्रोजेक्ट के तहत लगभग 59 करोड़ रुपये की लागत से खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना का निर्माण शुरू हो गया है. लगभग 375 करोड़ रुपये की लागत से धनबाद में 20 किमी दूरी तक आठ लेन सड़क निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. इसमें चार कैरेज लेन, दो लेन साइकिल लेन और दो लेन सर्विस लेन होंगे. बैठक में इन दो योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये गये.

नगर निकायों में भी क्षमता संवर्द्धन के क्षेत्र में हो काम : विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने नगर विकास सचिव के साथ निकायों में कैपिसिटी बिल्डिंग और टेक्निकल असिस्टेंस पर चर्चा कर सुझाव दिये. श्री सिंह ने जुडको के साथ नगर निकायों में भी क्षमता संवर्द्धन के क्षेत्र में काम करने काे कहा.

बताया कि रांची में सभी सेवाओं से जुड़े ऐप व सॉफ्टवेयर को स्मार्ट सिटी द्वारा तैयार किये जा रहे कमांड कंट्रोल एंड कम्यूनिकेशन सेंटर के तहत एक प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है. दूसरे शहरों के लिए भी ऐसी व्यवस्था कायम करने के लिए काम किया जा रहा है. बैठक में सूडा के निदेशक अमीत कुमार, विश्व बैंक की ओर से सिंगापुर से यारिसा लिंगदोह सौम्मर, दिल्ली से बसुधा थावकर व अभिजीत शंकर रे, जुडको के डीडी मिश्र व उत्कर्ष मिश्र मौजूद थे.

निकाय लिखकर दे कि उसके क्षेत्र में कोई आवास योजना से वंचित नहीं बचा : सचिव
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की समीक्षा करते हुए नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि अाहर्ता रखने वाला कोई भी व्यक्ति योजना से वंचित नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि सबको आवास उपलब्ध कराना केंद्र व राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. नगर निकाय लिखित में प्रमाण पत्र दें कि उनके क्षेत्र में अब कोई लाभुक इस योजना से वंचित नही है.

केंद्र से स्वीकृत प्रोजेक्ट राज्य से भी स्वीकृत कराएं. दोनों जगहों से स्वीकृति मिलने के बाद जल्द टेंडर करें. टेंडर होने के पहले जमीन पर सहमति पत्र प्राप्त करें. किसी प्रोजेक्ट में जमीन बदलने की बात होने पर जिला प्रशासन से मिल कर निष्पादन कराएं. राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ प्राप्त करने की आहर्ता के लिए चार घटक रखे गये हैं.
प्रथम घटक में स्लम पुनर्विकास, तृतीय घटक में भागीदारी में किफायती आवास (अफोर्डेबल हाउसिंग) व चतुर्थ घटक में लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण (बीएलसी) के माध्यम से आवास का निर्माण किया जाना है. अब तक राज्य में कुल 1,60,746 आवास निर्माण योजनाओं को स्वीकृत किया गया है. इसके विरुद्ध 47,444 आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है. 43,721 आवास का निर्माण प्रगति पर है. सचिव ने सर्वे में छूट गये पात्रता रखने वाले लाभुकों से आवेदन प्राप्त करने के निर्देश दिये.
73,000 यूनिट आवास का निर्माण होगा
राज्य में योजना की घटक तीन के अंतर्गत 73,000 यूनिट आवास का निर्माण किया जाना है. इसमें से 44,658 यूनिट आवास की स्वीकृति भारत सरकार ने प्रदान कर दी है. छह परियोजनाओं के तहत लगभग आठ हजार यूनिट आवास निर्माणाधीन हैं. सचिव को बताया गया कि जल्द ही अन्य 16 परियोजनाओं का टेंडर किया जायेगा. बैठक में डीएमए डायरेक्टर राजीव रंजन, सहायक निदेशक डीएमए संजय पांडेय, सभी यूएलबी के संबंधित पदाधिकारी व जुडको के पदाधिकारी मौजूद थे.

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