28 मई तक स्वीकृति नहीं मिली तो हो सकता है बालू का संकट

रांची : झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के 20 बालू घाटों के आवेदन पर्यावरण स्वीकृति के लिए लंबित हैं. ये सभी बालू घाट पांच हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल के हैं. इनकी निविदा हो चुकी है, पर पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से बालू का उत्खनन नहीं हो रहा है. इधर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2019 3:09 AM

रांची : झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के 20 बालू घाटों के आवेदन पर्यावरण स्वीकृति के लिए लंबित हैं. ये सभी बालू घाट पांच हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल के हैं. इनकी निविदा हो चुकी है, पर पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से बालू का उत्खनन नहीं हो रहा है. इधर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर 15 जून से 15 अक्तूबर तक बालू घाटों से बालू की निकासी पर रोक है. राज्य भर में लगभग सभी बालू घाटों से फिलहाल बालू की निकासी नहीं हो पा रही है.

जो बालू मार्केट में मिल रहे हैं, वह पूर्व से स्टॉक किया हुआ है. जेएसएमडीसी के एक अधिकारी ने बताया कि 15 जून तक यदि कम से कम चार महीने के लिए बालू का स्टॉक नहीं किया गया, तो राज्य में बालू संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
संकट को देखते हुए जेएसएमडीसी के सैंड इंचार्ज ललित कुमार ने स्टेट इनवायरमेंट अप्रेजल कमेटी के चेयरमैन को पत्र लिखकर जल्द से जल्द लंबित 20 बालू घाटों को 28 मई तक पर्यावरण स्वीकृति देने की गुहार लगायी है, ताकि 15 जून के पहले बालू की निकासी हो सके.
उन्होंने लिखा है कि वर्तमान में कोई भी बालू घाट चालू नहीं है. राज्य में संभावित बालू संकट की स्थिति को देखते हुए जेएसएमडीसी ने मुख्य सचिव को वैकल्पिक प्लान दिया है कि पांच हेक्टेयर से कम के बालू घाटों से निकासी की जाये.
इसके लिए 20 बालू घाटों को पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवेदन स्टेट इनवायरमेंट इंपैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी(सिया) के पास सारे कागजात के साथ दिये गये हैं. इसके पूर्व एसइएसी से मंजूरी लेनी है. जेएसएमडीसी द्वारा एसइएसी चेयरमैन से आग्रह किया गया है कि 28 मई तक प्रस्ताव पर मंजूरी दी जाये, ताकि मॉनसून शुरू होने से पूर्व स्टॉक यार्ड में बालू का स्टॉक किया जा सके और बालू संकट की स्थिति उत्पन्न न हो सके.

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