रिम्स के सीनियर डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा, की जांच

रांची : रिम्स जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) के बैनर तले रेडियोलॉजी विभाग के पीजी विद्यार्थी मंगलवार से कलमबंद हड़ताल पर चले गये. पीजी विद्यार्थियाें के हड़ताल पर चले जाने के बाद सीनियर डॉक्टरों ने मोर्चा संभाला. उन्होंने अल्ट्रासाउंड और एमआरआइ जांच शुरू कर दी, जिससे मरीज ज्यादा परेशान नहीं हुए. अल्ट्रासाउंड जांच असिस्टेंट प्रोफेसर और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2019 2:18 AM

रांची : रिम्स जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) के बैनर तले रेडियोलॉजी विभाग के पीजी विद्यार्थी मंगलवार से कलमबंद हड़ताल पर चले गये. पीजी विद्यार्थियाें के हड़ताल पर चले जाने के बाद सीनियर डॉक्टरों ने मोर्चा संभाला. उन्होंने अल्ट्रासाउंड और एमआरआइ जांच शुरू कर दी, जिससे मरीज ज्यादा परेशान नहीं हुए. अल्ट्रासाउंड जांच असिस्टेंट प्रोफेसर और सीनियर रेजिडेेंट ने मिलकर की. मरीजों को तत्काल रिपोर्ट भी दी जा रही थी. हालांकि मरीजों की एमआरआइ जांच हो रही थी, लेकिन रिपोर्ट के लिए मरीज और उनके परिजनों को एक-दो दिन बाद बुलाया जा रहा था.

इधर, रेडियोलॉजी विभाग के जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि हड़ताल का पहला दिन है, इसलिए सीनियर डॉक्टर भी उत्साह और जोश से काम कर रहे हैं. एक-दो दिन में उन्हें भी पता चल जायेगाा कि एक साथ इतने मरीजाें का लोड संभालना आसान नहीं है. विद्यार्थियों का कहना था कि उनकी मांगें जायज हैं. जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलता है, कलमबंद हड़ताल जारी रहेगी.
इसलिए करनी पड़ी हड़ताल : रेडियोलॉजी विभाग के पीजी स्टूडेंट्स विभाग की सीटी स्कैन मशीन के सात महीने से खराब होने के कारण परेशान हैं. उनका कहना है कि दो अल्ट्रासाउंड मशीनें भी खराब हैं. एमआरआइ जांच मशीन भी खराब होती रहती है, इसलिए उसे ठीक किया जाये. इससे उनका शिक्षण कार्य प्रभावित होता है. वह मेडिकल कॉलेज में पढ़ने आये हैं, जिसमेें उन्हें जांच करना और रिपोर्टिंग करना आना चाहिए.
ये है मांग
सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एमआरआइ की मशीन दुरुस्त होने का ठोस आश्वासन मिले.
रिम्स को और मजबूत करने का होगा प्रयास
रांची : रांची के नवनिर्वाचित सांसद संजय सेठ मंगलवार को रिम्स ट्रॉमा सेंटर में सीनियर व जूनियर डॉक्टरों से मिले. ट्रॉमा सेंटर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि रिम्स को बहुत करीब से देखते आ रहे हैं. उतार-चढ़ाव देखा है. रिम्स बढ़ा है, लेकिन विकास की गति अब भी जारी रहनी चाहिए. मुझे अखबाराें में यह देखकर पीड़ा होती है कि अत्याधुनिक मशीनें कमरों में बंद पड़ी है और मरीज भटकते रहते हैं.
श्री सेठ ने कहा : मैं यह जानता हूं कि कोई डॉक्टर यह नहीं चाहता है कि उसके मरीज की मौत हो जाये. वह ठीक करना चाहता है, लेकिन लोगों के भरोसा को कायम रखना भी आपका काम है. एमबीबीएस की सीट को 250 तक करना है, जिससे हमारे राज्य के विद्यार्थी अन्य राज्य में शिक्षण के लिए नहीं जाये. निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि रिम्स को देश की पटल पर लानेे का हमारा प्रयास है.
ओपीडी की संख्या बढ़ायें सीनियर व जूनियर डाॅक्टर : सांसद ने कहा कि रिम्स पर राज्य के लोगों का विश्वास है, जिसकाे कायम रखना सीनियर व जूनियर दोनों डॉक्टरों का दायित्व है. रिम्स के ओपीडी के माध्यम से हम कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचायें, यह लक्ष्य रखना है. एक दिन में करीब 5000 ओपीडी होनी चाहिए. रिम्स का समय काट कर अाप बाहर नहीं जायें. इस ओपेन सेशन में कांके विधायक डॉ जीतू चरण राम, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, पूर्व निदेशक डाॅ आरके श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.

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