अब झालको को सुचारु रूप से चलाना संभव नहीं, कर्मियों को वीआरएस दे दें

मनोज सिंह , रांची : झारखंड हिल एरिया लिफ्ट एरिगेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (झालको) के प्रबंध निदेशक ने लिखा है कि अब झालको के कार्यों का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है. जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि झालको में वर्तमान में कुल 82 कर्मी कार्यरत हैं. इसमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2019 12:48 AM

मनोज सिंह , रांची : झारखंड हिल एरिया लिफ्ट एरिगेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (झालको) के प्रबंध निदेशक ने लिखा है कि अब झालको के कार्यों का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है. जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि झालको में वर्तमान में कुल 82 कर्मी कार्यरत हैं. इसमें सात तृतीय वर्गीय और 75 चतुर्थवर्गीय कर्मी हैं.

जनवरी 2025 तक तृतीय वर्ग के सभी कर्मी तथा फरवरी 2032 तक सभी चतुर्थवर्गीय कर्मी सेवानिवृत्त हो जायेंगे. विभाग में एक भी अभियंता नहीं हैं. ऐसे में इसका संचालन सुचारु रूप से संभव नहीं हो पा रहा है. लिहाजा कर्मियों को वीआरएस देना ठीक होगा. वीआरएस के प्रस्ताव पर प्रबंध निदेशक ने विभागीय सहमति का आग्रह किया है.
303 कर्मचारी मिले थे झालको को : झालको का गठन बिहार से अलग होने के बाद हुआ था. झालको को 303 कर्मी मिले थे. इसमें 221 कर्मी रिटायर हो गये हैं या सेवा के दौरान उनकी मृत्यु हो चुकी है. सेवानिवृत्त होनेवाले कर्मियों को कई आर्थिक लाभ नहीं मिलती है. इसको लेकर कर्मियों ने कई बार संघर्ष भी किया है. इसके बावजूद कोई लाभ नहीं मिला है. नियमित कर्मियों के अतिरिक्त यहां ठेके पर कई इंजीनियर भी रखे गये हैं.
बोर्ड ने नहीं की थी चर्चा
झालको बोर्ड की बैठक 25 अप्रैल को प्रस्तावित थी, लेकिन इस दिन बैठक नहीं हो पायी. इस बैठक में कर्मियों को वीआरएस देने का एजेंडा गया था. इस पर चर्चा भी नहीं हो पायी. बैठक में 15 से अधिक एजेंडे थे. वर्तमान वित्तीय वर्ष में झालको 14 करोड़ रुपये का काम करा रहा है. यह काम लिफ्ट एरिगेशन का है. इससे पुराने और नये लिफ्ट एरिगेशन का जीर्णोद्धार हो रहा है.

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