जमीन अधिग्रहण को गंभीरता से लें गंगा ब्रिज का टेंडर जल्द : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री के साथ एनएचएआइ के चेयरमैन व अन्य अफसरों की हुई बैठक झारखंड में चल रही एनएचएआइ के 16 प्रोजेक्ट की हुई समीक्षा इस साल 203 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य रांची : झारखंड में चल रही एनएचएआइ की योजनाअों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास व एनएचएआइ के चेयरमैन एनएन सिन्हा ने जमीन […]
मुख्यमंत्री के साथ एनएचएआइ के चेयरमैन व अन्य अफसरों की हुई बैठक
झारखंड में चल रही एनएचएआइ के 16 प्रोजेक्ट की हुई समीक्षा
इस साल 203 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य
रांची : झारखंड में चल रही एनएचएआइ की योजनाअों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास व एनएचएआइ के चेयरमैन एनएन सिन्हा ने जमीन अधिग्रहण के मामले को गंभीरता से लेने को कहा है. जिलों के उपायुक्तों व राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से कहा गया है कि जहां भी एनएचएआइ के प्रोजेक्ट जमीन की कमी की वजह से लटक रहे हैं, उसे तत्काल देखें और समस्या का निबटारा करें. अफसरों से कहा गया है कि प्राथमिकता के आधार पर समय से जमीन का अधिग्रहण किया जाये, ताकि काम भी समय से शुरू होकर पूरा सके.
जमीन अधिग्रहण के साथ ही फॉरेस्ट क्लीयरेंस पर भी अफसरों को आवश्यक निर्देश दिये गये. अफसरों से कहा गया कि संबंधित विभाग व अफसरों से लगातार संपर्क में रहें और फॉरेस्ट क्लीयरेंस लें. वहीं यूटिलिटी शिफ्टिंग पर भी अफसरों से बातें हुई. बिजली विभाग व पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अफसरों को निर्देश दिया गया कि वे योजना के क्रियान्वयन के लिए शिफ्टिंग का काम तेजी से करें. साहेबगंज के गंगा ब्रिज का जल्द फिर से टेंडर करने को कहा गया है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची-जमशेदपुर-महुलिया रोड का काम जल्द शुरू करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की दिक्कत हो, तो तत्काल संबंधित अफसर इसका निबटारा करें. मुख्यमंत्री ने सारे उपायुक्तों को एनएच के काम में तेजी लाने को कहा है. मौके पर चेयरमैन श्री सिन्हा ने कहा कि 2019 में झारखंड में 203 किमी एनएच बनाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि तय समय में काम पूरा करा लिया जायेगा.
बैठक में जमीन अधिग्रहण पर भी चर्चा हुई. इस पर समय लिया गया कि कब तक जमीन देने की प्रक्रिया पूरी होगी. पैसा वितरण का काम कब तक हो जायेगा. जहां भुगतान हो गया है, लेकिन जमीन नहीं मिल सकी है, उस पर कब्जा दिलाने पर बातें हुई. कुल 16 प्रोजेक्ट पर चर्चा की गयी. यूटिलिटी शिफ्टिंग के बारे में विचार-विमर्श किया गया. कहा गया कि बिजली के तार, खंभे व पाइप लाइन शिफ्ट करने की समस्या कहीं-कहीं पर है, उसे ठीक करना है. फॉरेस्ट क्लीयरेंस, पेड़ काटने की अनुमति, इको सेंसेटिव जोन के डिनोटिफिकेशन के बारे में भी बातचीत हुई.