केंद्रीय मंत्री बनते ही परेशान हुए झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, सोशल मीडिया पर दी सफाई
रांची : केंद्रीय मंत्री बनते ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को किसी ने परेशान कर दिया. सोशल मीडिया पर उनके हवाले से गलत खबर चला दी. केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री मुंडा ने इसका खंडन करने में देरी नहीं की और सोशल मीडिया पर उन्होंने सफाई भी दे दी. दरअसल, धनबाद के […]
रांची : केंद्रीय मंत्री बनते ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को किसी ने परेशान कर दिया. सोशल मीडिया पर उनके हवाले से गलत खबर चला दी. केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री मुंडा ने इसका खंडन करने में देरी नहीं की और सोशल मीडिया पर उन्होंने सफाई भी दे दी.
सोशल मीडिया में धनबाद के कोई तथाकथित अधिवक्ता वीरेन्द्र नाथ महतो द्वारा एक फर्जी खबर चलायी जा रही है। ये खबर बिल्कुल फर्जी है।न तो मैं उनसे शपथ ग्रहण से पूर्व और न बाद में मिला हूँ।ऐसे भ्रामक खबरों से जनता को सचेत रहना चाहिए।
— Arjun Munda (@MundaArjun) June 2, 2019
दरअसल, धनबाद के किसी व्यक्ति ने सोशल मीडिया में दावा किया कि विधानसभा चुनाव से पहले कुड़मियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मिलने जा रहा है. खुद को अधिवक्ता बताने वाले वीरेंद्र नाथ महतो नामक व्यक्ति ने यह सूचना फैलायी है. उसने दावा किया है कि केंद्रीय मंत्री बनने के बाद एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उसने अर्जुन मुंडा से मुलाकात की.
मुलाकात के दौरान ही श्री मुंडा ने कथित तौर पर उसे यह आश्वासन दिया. जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया में वायरल हुई, केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने इसका खंडन किया. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से इस न्यूज का खंडन किया. स्पष्ट किया कि जिस तथाकथित अधिवक्ता वीरेंद्र नाथ महतो ने यह खबर वायरल की है, उससे वह कभी मिले ही नहीं. श्री मुंडा ने कहा कि यह खबर पूरी तरह से फर्जी है. वह न तो वीरेंद्र नाथ को जानते हैं, न ही उन्होंने कुड़मियों को एसटी का दर्जा दिये जाने के संबंध में कोई बयान दिया है.
श्री मुंडा ने लोगों से अपील की है कि ऐसी किसी भी भ्रामक जानकारी से सचेत रहें. ज्ञात हो कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आदिवासी मामलों का मंत्री बनाया गया है. दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह के बाद वह शनिवार को रांची लौटे हैं.