एचइसी प्रबंधन ने तैयार किया प्रस्ताव, आवासों के लीज ट्रांसफर की उम्मीद जगी

बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में रखा जायेगा रांची : एचइसी प्रबंधन ने दीर्घकालीन लीज पर दिये गये आवासों का लीज ट्रांसफर करने का प्रस्ताव बनाया है. इसे बोर्ड की बैठक में रखा जायेगा. बोर्ड की स्वीकृति मिलने के बाद दीर्घकालीन लीज पर आवास लेनेवाले लोग अपने आवास को दूसरे लोग को ट्रांसफर कर सकेंगे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2019 7:32 AM
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में रखा जायेगा
रांची : एचइसी प्रबंधन ने दीर्घकालीन लीज पर दिये गये आवासों का लीज ट्रांसफर करने का प्रस्ताव बनाया है. इसे बोर्ड की बैठक में रखा जायेगा. बोर्ड की स्वीकृति मिलने के बाद दीर्घकालीन लीज पर आवास लेनेवाले लोग अपने आवास को दूसरे लोग को ट्रांसफर कर सकेंगे.
गौरतलब है कि कर्मियों ने एचइसी प्रबंधन को दीर्घ कालीन लीज (एलटीएल) पर दिये क्वार्टरों के लीज ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया है, जो पिछले डेढ़ वर्ष से नगर प्रशासन विभाग में लंबित है.
लीज ट्रांसफर नहीं होने से एचइसी को आर्थिक नुकसान हो रहा है. लीज एग्रीमेंट के समय प्रबंधन ने प्रावधान किया गया था कि लीजधारी क्वार्टरों का ट्रांसफर दस वर्षों के बाद करा सकते हैं और उसके बदले में जिसके नाम से लीज ट्रांसफर होगा, उसे लीज की राशि का 25 प्रतिशत राशि एचइसी में जमा करना होगा. एचइसी प्रबंधन ने क्वार्टरों को एलटीएल पर देने की शुरुआती वर्ष 1995 में शुरू किया था.
एचइसी कर्मियों को वर्ष 1995 के बाद वर्ष 2000, वर्ष 2002 व वर्ष 2006 में क्वार्टरों को एलटीएल पर दिया गया. कुल 6784 क्वार्टरों को एलटीएल पर दिया गया. एलटीएल पर दिये गये क्वार्टरों में करीब 50 प्रतिशत आवास कर्मचारियों ने दूसरे लोगों को बेच दिया. एचइसी के अधिकारी ने बताया कि अगर प्रबंधन एलटीएल क्वार्टरों के लीज ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करता है, तो करोड़ों रुपये एकमुश्त प्राप्त होगा.
250 से ज्यादा लोगों ने किया है लीज ट्रांसफर के लिए आवेदन
एचइसी नगर प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रबंधन के पास 250 से अधिक आवेदन लंबित है. ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद आवेदन की संख्या में और बढ़ोतरी होगी. इस संबंध में हटिया कामगार यूनियन के अध्यक्ष लालदेव सिंह ने कहा कि यूनियन की ओर से इस संबंध में जल्द निर्णय लेने की बात प्रबंधन से की गयी थी. इससे कंपनी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रह है.

Next Article

Exit mobile version