रांची : जानें क्यों कांग्रेस भवन में भिड़े डॉ अजय व सुबोधकांत के समर्थक
प्रदेश अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में हार की समीक्षा, धक्का-मुक्की रांची : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार की गैरमौजूदगी में लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा शनिवार को कांग्रेस भवन में हुई. इस दौरान डॉ अजय कुमार और सुबोधकांत सहाय के समर्थक भिड़ गये. इनके बीच जम कर धक्का-मुक्की भी हुई. हार की समीक्षा […]
प्रदेश अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में हार की समीक्षा, धक्का-मुक्की
रांची : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार की गैरमौजूदगी में लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा शनिवार को कांग्रेस भवन में हुई. इस दौरान डॉ अजय कुमार और सुबोधकांत सहाय के समर्थक भिड़ गये. इनके बीच जम कर धक्का-मुक्की भी हुई. हार की समीक्षा करने जैसे ही प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह कांग्रेस भवन पहुंचे, पूरा परिसर जंग के अखाड़े में तब्दील हो गया. एक गुट के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार गो बैक के नारे लगाये.
वहीं दूसरी तरफ डॉ अजय कुमार का समर्थन में उतरे कार्यकर्ताओं ने सुबोधकांत सहाय मुर्दाबाद के नारे लगाये. कार्यकर्ताओं ने आरपीएन सिंह को कांग्रेस भवन के बाहर ही रोक दिया और नारेबाजी करने लगे.
इसके बाद प्रभारी ने कार्यकर्ताओं को शांत कराया और एक कमरे में बुला कर उनसे बात की.कार्यकर्ताओं ने कहा कि ऐसा प्रदेश अध्यक्ष नहीं चलेगा. प्रदेश अध्यक्ष 23 दिन से गायब हैं. चुनाव में भी नहीं नजर आये. इस पर प्रभारी ने कार्यकर्ताओं ने कहा कि उनकी भावनाओं से राहुल गांधी समेत पार्टी के अन्य आला नेताओं को अवगत कराया जायेगा.
इसके बाद प्रभारी ने लोकसभा चुनाव को लेकर बनाये गये को-ऑर्डिनेटर और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की. बैठक में रांची महानगर अध्यक्ष ने सुबोधकांत सहाय की खिलाफत की. कहा कि वे अपनी गलती की वजह से चुनाव हारे. हजारीबाग, बोकारो, रामगढ़ और धनबाद के जिलाध्यक्षों ने कहा कि गलत उम्मीदवार के चयनकी वजह से पार्टी को सफलता नहीं मिल पायी. यह भी कहा गया कि लोकसभा चुनाव के दौरान झामुमो का वोट कांग्रेस में ट्रांसफर नहीं हो पाया. वहीं कांग्रेस ने अपने विधानसभा क्षेत्रों में झामुमो प्रत्याशियों को लीड दिलाया. कहा कि महागठबंधन में हुए चुनाव से कांग्रेस को नुकसान हुआ है. इस पर प्रभारी ने भी जिलाध्यक्षों को 15 दिनों में रिपोर्ट बना कर सौंपने का निर्देश दिया.