नेशनल हाइवे आथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन एनएन सिन्हा ने कहा, झारखंड में जमीन की अनुपलब्धता बड़ी चुनौती
मनोज लाल रांची : नेशनल हाइवे आथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन एनएन सिन्हा बड़ी सड़क परियोजनाओं के लिए झारखंड में जमीन की अनुपलब्धता को बड़ी चुनौती मानते हैं. लेकिन यह भी सच है कि जमीन की समस्या केवल झारखंड में ही नहीं पूरे देश में है, ठीक से जमीन नहीं मिल पाने के कारण योजनाएं […]
मनोज लाल
रांची : नेशनल हाइवे आथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन एनएन सिन्हा बड़ी सड़क परियोजनाओं के लिए झारखंड में जमीन की अनुपलब्धता को बड़ी चुनौती मानते हैं. लेकिन यह भी सच है कि जमीन की समस्या केवल झारखंड में ही नहीं पूरे देश में है, ठीक से जमीन नहीं मिल पाने के कारण योजनाएं प्रभावित होती हैं. फोरलेन या सिक्सलेन के लिए सड़क की जितनी चौड़ाईहोनी चाहिए, उतनी नहीं हो पाती है. नतीजतन कई परियोजनाओं को छोड़ना पड़ रहा है. श्री सिन्हा कहते हैं कि खुशी की बात है कि जमीन अधिग्रहण को लेकर राज्य सरकार का सहयोग सकारात्मक है. राज्य सरकार व एनएचएआइ कदम से कदम मिला कर चल रही है.
झारखंड के हाइवे के संदर्भ में जो कहा
श्री सिन्हा ने कहा कि झारखंड में कई जगहों पर सड़क तो बन रही है, पर नाली का निर्माण नहीं हो रहा है. फुटपाथ नहीं बन रहे हैं. सर्विस रोड नहीं है. लोगों के मकान-दुकान से सटा कर सड़कें बन रही हैं.
इस पर श्री सिन्हा ने कहा कि जमीन देने के राज्य सरकार के आश्वासन पर काम हो रहा है, लेकिन कुछ परियोजनाओं में अभी तक पूरी जमीन नहीं मिली है. ऐसे में काम आधा अधूरा ही हो पाया है. एनएच 23 (रांची-बेड़ो) मार्ग में भी इसी तरह की सड़क बनने पर श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार ने 45 मीटर की जरूरत के स्थान पर मात्र 25 मीटर जमीन उपलब्ध करायी गयी, वह भी कुछ जगहों पर नहीं मिली है.
अगर सरकार जमीन देगी, तो हम आगे का काम यानी नाली-फुटपाथ आदि अवश्य बना देंगे. कहा कि रांची-जमशेदपुर-महुलिया रोड नवंबर 2020 तक पूरा कर लिया जायेगा. इसे बनाने के लिए चार पैकेज में ठेकेदारों का काम दिया गया है. मई में उसका एग्रीमेंट किया गया है. ठेकेदार को डेढ़ साल का समय दिया गया है. साहेबगंज में गंगा ब्रिज के लिए री-टेंडर का निर्देश दे दिया गया है. इस साल इस परियोजना का काम शुरू करा दिया जायेगा. वहीं रातू रोड एलिवेटेड रोड का टेंडर भी 13 जून को प्राप्त होने की संभावना है.
रोड सेफ्टी को लेकर कृतसंकल्प है एनएचएआइ
चेयरमैन ने बताया कि रोड सेफ्टी को लेकर एनएचएआइ कृतसंकल्प है. इस पर गंभीरता से काम हो रहा है. दुर्घटनाएं न हो, इसका पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है. एनएचएआइ ने 20 हजार किमी सड़क पर रोड सेफ्टी का ऑडिट कराया है. हर हाइवे पर एंबुलेंस व दोपहिया वाले वाहन दुर्घटना में घायल लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तैनात हैं. एनएचएआइ हर ब्लैक स्पॉट के लिए राशि दे रही है.
क्षेत्रीय स्तर पर पदाधिकारियों को 50 करोड़ तक हर ब्लैक स्पॉट को हटाने के लिए खर्च करने की अनुमति दी गयी है. इससे फुट ओवरब्रिज, फुटपाथ, सर्विस रोड आदि के निर्माण के साथ ही सेफ्टी लाइट, एनिमल कोरिडोर, साइन एज, रंबल स्ट्रीप आदि पर खर्च किये जा सकेंगे.
आइएएस नागेंद्रनाथ सिन्हा का परिचय
नागेंद्र नाथ सिन्हा झारखंड कैडर के आइएएस अफसर हैं. झारखंड में वह विभिन्न पदों पर रहे हैं. यहां पथ निर्माण विभाग, कला संस्कृति-खेलकूद विभाग, साइंस टेक्नोलॉजी विभाग, कार्मिक विभाग में सचिव एवं प्रधान सचिव रहे हैं.
ग्रामीण विकास विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर भी रहे हैं. राज्यपाल के प्रधान सचिव का पदभार भी संभाल चुके हैं. झारखंड कैडर के वह पहले आइएएस अफसर हैं, जिन्हें एनएचएआइ के चेयरमैन बनने का अवसर मिला है. फिलहाल वह मुख्य सचिव रैंक के अधिकारी हैं.
टोल प्लाजा का रेट बढ़ना स्वाभाविक
झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों के टॉल प्लाजा में टैक्स की दर में लगातार बढ़ोतरी पर श्री सिन्हा ने बताया कि यह स्वाभाविक है और जरूरत भी. यह देश में मूल्य वृद्धि से जुड़ा है. सड़क के मेंटेनेंस से लेकर सारे खर्च दिनों-दिन बढ़ रहे हैं. ऐसे में टोल टैक्स बढ़ाना पड़ता है. पर टोल प्लाजा संचालकों को वहां शौचालय आदि की सुविधाएं देनी है.
ऐसा नहीं कि उग्रवाद की समस्या नहीं है
श्री सिन्हा ने कहा कि ऐसा पूरी तरह नहीं कहा जा सकता है कि उग्रवाद के कारण योजनाएं प्रभावित नहीं होती हैं. थोड़ी बहुत दिक्कतें हैं, लेकिन राज्य सरकार सहयोग कर रही है. उग्रवाद कम हुआ है. ऐसे में काम पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ पाता है.
चुनौतियां हैं, पर बेहतर करना है
श्री सिन्हा ने कहा कि पैसे के मैनेजमेंट के साथ ही जमीन अधिग्रहण, फॉरेस्ट क्लीयरेंस, पर्यावरण क्लीयरेंस, अच्छे ठेकेदारों का न मिलना, बैंकों से क्रेडिट मिलने में परेशानी, ठेकेदारों -एजेंसियों के साथ विवाद, कोर्ट केस आदि बड़ी चुनौतियां एनएचएआइ के सामने हैं, पर इससे निबटते हुए हमें बेहतर करते जाना है. केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से एनएचएआइ बेहतर कर भी रहा है
झारखंड से विशेष लगाव
श्री सिन्हा ने कहा कि झारखंड कैडर का अफसर हूं. पूरा समय झारखंड में ही काम किया है. ऐसे में झारखंड से विशेष लगाव है. झारखंड की परियोजनाओं पर हर दिन नजर रखता हूं. अफसरों से योजनाओं की प्रगति के बाबत पूछताछ करता हूं. हालांकि पूरे देश की सड़कों की जिम्मेवारी है. ऐसे में सब पर बराबर नजर रखना भी पद की अपेक्षा है.
बड़ी परियोजनाओं से बदलेगा बहुत कुछ
श्री सिन्हा बताते हैं कि झारखंड को एनएचएआइ की ओर से कई बड़ी परियोजनाएं मिलनेवाली हैं. इन योजनाओं के क्रियान्वयन से झारखंड में बहुत बदलाव होगा. यहां का आवागमन तो बेहतर होगा ही, इसका अच्छा असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. इसके तहत रांची से पटना तक के पूरे छूटे भाग को फोरलेन किया जायेगा़ धनबाद से रायपुर कोरिडोर फोरलेन योजना बोकारो-गोला-ओरमांझी का पूरा हिस्सा फोरलेन का होगा. रांची-संबलपुर को फोरलेन बनाने के लिए स्टडी हो रही है.