राणा प्रताप @ रांची
झारखंड में पहली बार लीगल कैडेट कोर (एलसीसी) का गठन किया गया है. पहले चरण में चार जिलों के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में एलसीसी खोला गया है. गुमला, गिरिडीह, गोड्डा व साहेबगंज जिला में इसका संचालन शुरू हो चुका है. कैडेटों के प्रशिक्षण के लिए कैंप भी लगाया गया.
राज्य के सभी सरकारी स्कूलों की आठवीं से लेकर 12वीं कक्षा में पढ़नेवाले दो लाख विद्यार्थियों को एलसीसी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. हर स्कूल से 25 कैडेट को शामिल किया जा रहा है. एलसीसी की स्थापना झालसा की ओर से की गयी है.
एलसीसी कैडेटों का अपना ड्रेस कोड है. इसमें स्कार्फ, कैप, बैज आदि शामिल हैं. कानूनी सेवाओं में रुचि रखनेवाले बच्चों को कोर में शामिल किया जायेगा. मालूम हो कि झालसा के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल (अब दिल्ली हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस) के मार्गदर्शन में एलसीसी के गठन को मूर्त रूप दिया गया. इसकी आैपचारिक घोषणा अभी बाकी है.
एलसीसी की गतिविधियों को जानें
एलसीसी की गतिविधियों से संबंधित कैलेंडर (इनडोर और आउटडोर) झालसा तैयार करेगा. गर्मियों व सर्दियों की छुट्टियों के दौरान शिविर लगाया जायेगा. शिविर में लोक अदालत, चिल्ड्रेन कोर्ट, मॉक लीगल एक्टिविटीज सहित अन्य इनोवेटिव कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. चित्रकला व नाटक प्रतियोगिता भी होगी. विजेताओं को सम्मानित किया जायेगा.
यह है प्रशासनिक संरचना
राज्यस्तरीय एक सलाहकार समिति होगी, जो एलसीसी योजना के क्रियान्वयन की सर्वोच्च निकाय होगी. झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष सर्वोच्च अधिकारी होंगे, जबकि सदस्य सचिव झालसा समिति के सदस्य सलाहकार होंगे. सीनियर ज्यूडिशियल अॉफिसर प्रोग्राम को-अॉर्डिनेटर होंगे. स्कूल के प्रधानाध्यापक को प्रोग्राम अॉफिसर बनाया जायेगा. एलसीसी वॉलेंटियर भी बनाये जायेंगे. नालसा के पैट्रन-इन-चीफ सुप्रीम कमांडर व कार्यकारी अध्यक्ष फील्ड मार्शल होंगे. झालसा के पैट्रन-इन-चीफ कमांडर-इन-चीफ होंगे व कार्यकारी अध्यक्ष को जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) बनाया जायेगा. डीएलएसए के अध्यक्ष को ब्रिगेडियर, टीएलएससी के अध्यक्ष को कर्नल, स्कूल के प्रधानाध्यापक को लेफ्टिनेंट कर्नल, शिक्षक प्रभारी को कप्तान, सीनियर अंडर ऑफिसर व जूनियर अंडर ऑफिसर का पद नाम दिया गया है.
यह है उद्देश्य
- राष्ट्र की सेवा में बच्चों को शामिल करना
- राष्ट्रीय सेवा की भावना जगाना
- जागरूकता फैलाने में कानूनी साक्षरता क्लब के सदस्यों की सेवाओं का उपयोग करना
- राष्ट्रीय एकता, सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करना
- समस्याओं के व्यावहारिक समाधान खोजने में बच्चों के ज्ञान का उपयोग करना
- सामुदायिक भागीदारी जुटाने में कौशल हासिल करना, नेतृत्व गुण विकसित करना
- सामाजिक समरसता का अभ्यास करना
- कन्या भ्रूण हत्या, बाल श्रम, बाल विवाह, बाल तस्करी को रोकने के लिए भी कार्य करना