रांची : 19.58 करोड़ का गबन किया बैंक अफसरों ने, कोऑपरेटिव बैंक घोटाले की सीबीआइ जांच की अनुशंसा

शकील अख्तर/मनोज सिंह रांची : कोऑपरेटिव बैंक के सरायकेला शाखा में हुए 19.58 करोड़ रुपये घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की गयी है. उल्लेखनीय है कि व्यवसायी संजय कुमार डालमिया और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से गबन किया गया. इसमें से 15.44 करोड़ रुपये की गड़बड़ी चेक परचेज के नाम पर की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2019 8:02 AM
शकील अख्तर/मनोज सिंह
रांची : कोऑपरेटिव बैंक के सरायकेला शाखा में हुए 19.58 करोड़ रुपये घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की गयी है. उल्लेखनीय है कि व्यवसायी संजय कुमार डालमिया और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से गबन किया गया. इसमें से 15.44 करोड़ रुपये की गड़बड़ी चेक परचेज के नाम पर की गयी. डालमिया द्वारा संचालित विभिन्न फर्मों के कुछ ऋण खातों को फर्जी तरीके से बंद कर 4.14 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गयी.
इस मामले में डालमिया सहित बैंक के छह अधिकारियों को दोषी पाया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कोऑपरेटिव रजिस्ट्रार सुचित्रा सिन्हा और कृषि विभाग के संयुक्त सचिव विधानचंद्र चौधरी की जांच समिति ने कोऑपरेटिव बैंक घोटाले की सीबीआइ जांच की अनुशंसा की है.
साथ ही इसके लिए आरबीआइ के सर्कुलर का हवाला दिया है. इन अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आरबीआइ के पत्र( आरबीआइ/डीबीएस/2016-17/28) में तीन करोड़ रुपये से अधिक के गबन के मामले में सीबीआइ के एंटी करप्शन ब्रांच में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रावधान है, इसलिए कोऑपरेटिव बैंक घोटाले की सीबीआइ जांच की अनुशंसा की जा रही है.
क्या है जांच रिपोर्ट मेंं : रजिस्ट्रार और संयुक्त सचिव द्वारा गहन जांच के बाद तैयार रिपोर्ट में संजय डालमिया नामक व्यापारी को दिये गये कर्ज की वसूली किये बिना ही कुछ ऋण खातों को बंद कर दिया जाने का उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोऑपरेटिव बैंक के सरायकेला शाखा में संजय कुमार डालमिया और बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से कुल 19.58 करोड़ रुपये का गबन किया गया.
गबन के इस मामले में जांच अधिकारियों ने संजय डालमिया के अलावा छह लोगों को पहली नजर में दोषी माना है. इसमें शाखा प्रबंधक सुनील कुमार सत्पती, सहायक मदन लाल प्रजापति, क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज लाल नाथ शाहदेव, क्षेत्रीय मैनेजर (एकाउंट) सेवईया, सहायक प्रबंधक संदीप सेन, सीए शंकर बंदोपाध्याय का नाम शामिल है.
गबन के तरीके
जांच रिपोर्ट में गबन के तरीकों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इसे डाटा मर्जर के समय खातों के मिलान के नाम पर अंजाम दिया गया. इस मामले का उदाहरण पेश करते हुए यह कहा गया है कि खातों के मिलान के नाम पर जून 2017 में चाईबासा एचओ खाता(एसी-आईडी-7052) से 75.26 लाख रुपये डेबिट(निकाल) कर विलियन मिश्रा के खाता(100193) में क्रेडिट(जमा) कर दिया गया. बिस्टुपुर ब्रांच खाता से 55.24 लाख रुपये विलियन मिश्रा के खाता में क्रेडिट किया गया.
चांडिल के ब्रांच खाता से 22.55 लाख रुपये विलियन मिश्रा के खाता में क्रेडिट किया गया. राजनगर के ब्रांच खाता से 39.62 लाख रुपये विलियन मिश्रा के खाता में क्रेडिट किया गया. इसके बाद विलियन मिश्रा के खाता से रुपये को संजय डालमिया के खातों में ट्रांसफर कर ऋण खातों को बंद कर दिया गया. इस तरह सुनियोजित साजिश के तहत बैंक के ही पैसों से संजय डालमिया के 4.14 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया गया.
दोषी पदािधकारी
शाखा प्रबंधक सुनील कुमार सत्पती
सहायक मदनलाल प्रजापति
क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज लालनाथ शाहदेव
क्षेत्रीय मैनेजर ( एकाउंट) सेवईया
सहायक प्रबंधक संदीप सेन
सीए शंकर बंदोपध्याय

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