महेंद्र सिंह धौनी से लेकर नेमार तक हैं ”पबजी” के दिवाने

रांची : दुनियाभर में लोग वीडियो गेम पबजी के दिवाने हैं. इसकी पॉपुलैरिटी इसी से पता चलती है कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी से लेकर ब्राजील के दिग्गज फुटबॉलर नेमार भी इस खेल के दिवाने हैं. भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धौनी को यह वीडियो गेम अत्यधिक पसंद है. पिछले दिन इएसपीएन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2019 1:05 AM

रांची : दुनियाभर में लोग वीडियो गेम पबजी के दिवाने हैं. इसकी पॉपुलैरिटी इसी से पता चलती है कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी से लेकर ब्राजील के दिग्गज फुटबॉलर नेमार भी इस खेल के दिवाने हैं. भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धौनी को यह वीडियो गेम अत्यधिक पसंद है. पिछले दिन इएसपीएन के एक इंटरैक्शन कार्यक्रम में टीम इंडिया के स्पिनर कुलदीप यादव ने भी इस बात का खुलासा किया कि किस तरह धौनी इस गेम के प्रति क्रेजी हैं. कुलदीप ने बताया कि सिर्फ धौनी ही नहीं मनीष पांडे, युजवेंद्र चहल और केदार जाधव भी इस गेम के माहिर खिलाड़ी हैं.

सर्वर की मांग कर चुके हैं नेमार
नेमार : इस गेम के प्रति ब्राजील के स्टार फुटबॉलर नेमार की दीवानगी भी काफी अधिक है. इस गेम को लेकर नेमार का लगाव इसी से पता चलता है कि उन्होंने पबजी कॉर्प से खुद के लिए सर्वर उपलब्ध कराने की मांग भी की है. हालांकि इसपर अभी तक पबजी कॉर्प की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. देमेत्रिएस जॉनसन : मिक्स मार्शल आर्ट (एमएमए) के देमेत्रिएस जॉनसन भी पबजी के शौकीन हैं. यहां तक कि वह इस गेम के गोल्डन चिकन टूर्नामेंट में भी हिस्सा ले चुके हैं.
…तो बारिश के बाद मैच 10 मिनट में शुरू हो जायेगा
नॉटिंघम. वर्ल्ड कप 2019 में बारिश के कारण अब तक खेले गये 18 मैचों में से चार मैच रद्द हो गये हैं. ऐसे में हर तरफ आइसीसी की आलोचना हो रही है. इस बीच टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने इंग्लैंड में लगातार हो रही बारिश का तोड़ निकाल लिया है. गांगुली ने बताया कि किस तरह बारिश के बाद मैच शुरू किया जा सकता है. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सुझाव दिया है कि बारिश से बचने के लिए कवर्स बदल दिये जाने चाहिए. उन्होंने कोलकाता के ईडन गार्डेंस पर इस्तेमाल किये जानेवाले कवर्स का हवाला देते हुए यह बात कही है.
कोलकाता के ईडन गार्डेंस में इस्तेमाल किये जानेवाले कवर्स हल्के होते हैं.
  • इन्हें एक से दूसरी जगह ले जाना आसान होता है.
  • इनके लिए अधिक मैनपावर की जरूरत नहीं होती.
  • पहले जो नीले कवर्स इस्तेमाल होते थे, उनकी तुलना में दस गुना अधिक वक्त बचता है.
  • हल्के होने के चलते सूरज की रोशनी भी इन कवर्स के आर-पार होती है, जिससे मैदान सुखाने में मदद मिलती है.

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