अनुज लुगुन का युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए किया गया चयन
सिर्फ आदिवासी नहीं, मनुष्यता से है कविता का संबंध प्रवीण मुंडारांची : झारखंड के युवा साहित्यकार अौर केंद्रीय विश्वविद्यालय गया (बिहार) में सहायक प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत अनुज लुगुन को साहित्य अकादमी ने युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना है. अनुज लुगुन को यह सम्मान उनकी लंबी कविता बाघ अौर सुगना मुंडा की […]
सिर्फ आदिवासी नहीं, मनुष्यता से है कविता का संबंध
प्रवीण मुंडा
रांची : झारखंड के युवा साहित्यकार अौर केंद्रीय विश्वविद्यालय गया (बिहार) में सहायक प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत अनुज लुगुन को साहित्य अकादमी ने युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना है. अनुज लुगुन को यह सम्मान उनकी लंबी कविता बाघ अौर सुगना मुंडा की बेटी के लिए दिया गया है.
रांची : झारखंड के युवा साहित्यकार अौर केंद्रीय विश्वविद्यालय गया (बिहार) में सहायक प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत अनुज लुगुन को साहित्य अकादमी ने युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना है. अनुज लुगुन को यह सम्मान उनकी लंबी कविता बाघ अौर सुगना मुंडा की बेटी के लिए दिया गया है.
अनुज लुगुन की कविताएं अौर आलेख प्रभात खबर सहित देश के कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं. प्रभात खबर से विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह कविता एक आदिवासी मिथक अौर आदिवासी जीवन पर लिखी गयी है, पर इसका संबंध पूरी मनुष्यता से है.
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब भारत सहित पूरी दुनिया में आदिवासियों पर उत्पीड़न और दमन के साथ-साथ उनकी जीवन संस्कृति पर आक्षेप हो रहा है, तो वैसे में यह सम्मान मिलना खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि आदिवासी अौर वंचित समुदाय साम्राज्यवाद, पूंजीवाद अौर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं. यह संघर्ष इसलिए है? क्योंकि वे धरती, जल, जंगल जमीन अौर संसाधनों पर कब्जा करना चाहते हैं.
आदिवासी समुदाय इन सभी संसाधनों पर मनुष्य सहित पूरे जीव जंतु का सामूहिक अधिकार मानता है. अनुज कहते हैं-आदिवासी होने के नाते आदिवासियों अौर वंचित समुदायों के संघर्षों को हम बचपन से ही देखते आ रहे हैं. एक तरफ मुख्यधारा की दुनिया है अौर दूसरी तरफ हमारा इतिहास, हमारे पुरखे अौर हमारा जीवन दर्शन. संसाधनों पर लूट अौर कब्जे के खिलाफ प्रतिरोध की संस्कृति हमें ताकत देती है. साथ ही आदिवासी जीवन यह भी बताता है कि दुनिया को कैसा होना चाहिए.
अनुज लुगन के बारे में
अनुज लुगन युवा साहित्यकार हैं. उनका जन्म जलडेगा सिमडेगा हुआ. उन्होंने बीएचयू से अपनी शिक्षा प्राप्त की है अौर फिलहाल केंद्रीय विश्वविद्यालय गया में सहायक प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं. उन्होंने अघोषित उलगुलान, एकलव्य से संवाद सहित दर्जनों कविताएं लिखी हैं. उन्हें भारत भूषण अग्रवाल कविता सम्मान भी मिला है.