JMM के दावे को लेकर UPA में अब तक कोई सहमति नहीं : झारखंड में महागठबंधन बेपटरी, सब चल रहे अपने-अपने रास्ते
रांची : विपक्ष का महागठबंधन बेपटरी हो गया है़ लोकसभा चुनाव में शिकस्त के बाद महागठबंधन का पूरा कुनबा बिखर गया है़ गठबंधन में शामिल दल अपने-अपने रास्ते पर है़ं झामुमो ने पिछले दिनों पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक की़ प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने साफ कहा कि विधानसभा चुनाव झामुमो के […]
रांची : विपक्ष का महागठबंधन बेपटरी हो गया है़ लोकसभा चुनाव में शिकस्त के बाद महागठबंधन का पूरा कुनबा बिखर गया है़ गठबंधन में शामिल दल अपने-अपने रास्ते पर है़ं झामुमो ने पिछले दिनों पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक की़ प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने साफ कहा कि विधानसभा चुनाव झामुमो के नेतृत्व में हो.
इधर, झामुमो के दावे को लेकर यूपीए के अंदर अब तक कोई सहमति नहीं बन पायी है. हालांकि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के दौरान कांग्रेस व झामुमो के बीच इसको लेकर चर्चा जरूर हुई थी, तब भी झामुमो ने विधानसभा की सीटें बांटने का दबाव बनाया था. इधर, लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस पसोपेश में है़ कांग्रेस आलाकमान ने गठबंधन को लेकर गेंद प्रदेश कमेटी के पाले में डाल दी है़ प्रदेश कमेटी से रिपोर्ट मांगी गयी है.
इस बार कांग्रेस ने सब कुछ प्रदेश नेताओं के फीडबैक के बाद ही तय करने का फैसला लिया है़ ऐसे में गठबंधन का मामला फंस सकता है. कांग्रेस के कई आला नेता झामुमो के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है. उधर, झाविमो पस्त है़ झाविमो में सबकुछ पार्टी नेता बाबूलाल मरांडी को तय करना है. पार्टी गठबंधन में जायेगी, लेकिन फिलहाल नफा-नुकसान देख रही है. पार्टी का एक खेमा कांग्रेस के साथ जाने को लेकर दबाव बना रहा है. वहीं पार्टी के कुछ नेता अकेले भी चुनाव लड़ने की बात कर रहे है़ं राजद भी गठबंधन में सीटों को लेकर दबाव बनाने की रणनीति में है.
पलामू और उत्तरी छोटानागपुर की कई सीटों पर राजद की दावेदारी होगी. विधानसभा चुनाव में झामुमो गठबंधन का दायरा बढ़ाने के पक्ष में है. विधानसभा चुनाव में वामदलों को भी शामिल करना चाहता है. ऐसे में भाकपा, माले और मासस के खाते में सीटें जायेंगी. हालांकि अब तक वामदलों का भी रुख साफ नहीं है. ऐसे स्थिति में आनेवाले समय में राज्य में विपक्षी गठबंधन के कई पेंच होंगे़ इनको सुलझाये बिना बात आगे नहीं बढ़ सकती है.