निजी विद्यालयों के समय में बदलाव कर सकते हैं उपायुक्त
रांची : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने राज्य के निजी विद्यालयों के संचालन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. मिली जानकारी के मुताबिक विभाग के संयुक्त सचिव मनोज जायसवाल ने इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है. विभाग द्वारा डीसी व अन्य अधिकारियों […]
रांची : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने राज्य के निजी विद्यालयों के संचालन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. मिली जानकारी के मुताबिक विभाग के संयुक्त सचिव मनोज जायसवाल ने इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है.
विभाग द्वारा डीसी व अन्य अधिकारियों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि राज्य में निजी विद्यालयों के प्रबंधन व नियंत्रण के लिए झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण का गठन किया गया है. निजी विद्यालय के शिक्षक, अभिभावक व विद्यार्थी अपनी शिकायत शिक्षा न्यायाधिकरण के समक्ष रखते हैं. न्यायाधिकरण का निर्णय सभी पर लागू होता है.
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण ने अपने पूर्व के आदेशों में विद्यालय अवधि में परिवर्तन करने के लिए उपायुक्त को अधिकृत किया है. ऐसे में उपायुक्त अपने जिले के निजी विद्यालयों के समय में बदलाव कर सकते हैं. विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय बनाम झारखंड राज्य में झारखंड हाइकोर्ट द्वारा पारित आदेश में कहा गया है कि उपायुक्त राइट टू चिल्ड्रेन के प्रावधान के तहत इस मामले में निर्णय लेने के लिए सक्षम हैं.
विभाग ने क्यों जारी किया है दिशा-निर्देश
गौरतलब है कि पिछले दिनों गर्मी को देखते हुए राज्य के कुछ जिलों में सरकारी के साथ-साथ निजी विद्यालयों को भी बंद कर दिया गया था. वहीं कई जिलों में विद्यालयों के समय में परिवर्तन किया गया था. इस संबंध में सरकार के वरीय अधिकारी ने विभाग को पत्र लिख कर पूछा था कि निजी विद्यालय के संबंध में उपायुक्त कैसे निर्णय ले सकते हैं. विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी कर स्थिति को स्पष्ट कर दिया है.
सबसे ज्यादा दिन झारखंड के विद्यालयों में हुई पढ़ाई
शैक्षणिक सत्र 2018-19 में देश में सबसे अधिक दिन झारखंड के विद्यालयों में पढ़ाई हुई. शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) अधिनियम के प्रावधान के अनुरूप कक्षा एक से पांच में वर्ष में अधिकतम 200 दिन व कक्षा छह से आठ में अधिकतम 220 दिन की पढ़ाई अनिवार्य है. पिछले शैक्षणिक सत्र में झारखंड में 248 से 252 दिन तक विद्यालय का संचालन हुआ.
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, झारखंड के विद्यालय देश में सर्वाधिक दिनों तक संचालित रहे. राज्य के विद्यालयों में आरटीइ एक्ट के तहत विद्यालय संचालन के लिए तय मापदंड का पालन हो रहा है. विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है.
इसमें कहा गया है कि वर्तमान व आगामी शैक्षणिक सत्र में भी इसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाये. जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि किसी भी हाल में आरटीइ एक्ट के प्रावधान के अनुरूप तय समय अवधि तक पठन-पाठन सुनिश्चित करें.
- वर्ष 2018-19 में 248 से 252 दिन तक खुले रहे स्कूल
- आरटीइ के प्रावधान के अनुरूप वर्ष में अधिकतम 220 दिन संचालित होना है विद्यालय