पढ़ें, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर रांची के प्रभात तारा मैदान में पीएम और सीएम ने क्या कहा
रांची : पांचवें अतंरराष्ट्रीय योग दिवस पर रांची के प्रभात तारा मैदान में पीएम मोदी ने लगभग 40 हजार लोगों के साथ योग किया. इस बार योग दिवस की थीम है- योग फॉर हार्ट. पीएम मोदी ने 45 मिनट में 13 योगासन किये. योगाभ्यास के बाद पीएम मोदी ने सबका अभिवादन स्वीकार किया और आम […]
रांची : पांचवें अतंरराष्ट्रीय योग दिवस पर रांची के प्रभात तारा मैदान में पीएम मोदी ने लगभग 40 हजार लोगों के साथ योग किया. इस बार योग दिवस की थीम है- योग फॉर हार्ट. पीएम मोदी ने 45 मिनट में 13 योगासन किये. योगाभ्यास के बाद पीएम मोदी ने सबका अभिवादन स्वीकार किया और आम लोगों के बीच गये हाथ मिलाया.
अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरक्षा बलों के बीच गये और योग किया. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रभात तारा मैदान में पीएम मोदी के साथ राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास , केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक, झारखंड के स्वास्थ मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
योग से पहले क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत नागपुरी भाषा से की. शुभकामनाएं देने के बाद पीए मोदी ने कहा, "योग अनुशासन है, समर्पण है और इसका पालन पूरे जीवन भर करना होता है. योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत और सरहद के भेद से परे है. योग सबका है और सब योग के है. योग को सबतक ले जाना है गरीबों तक पहुंचाना है.
आज के बदलते हुए समय में बीमारी से बचाव के साथ-साथ वेलनेस पर हमारा फोकस होना जरूरी है. यही शक्ति हमें योग से मिलती है, यही भावना योग की है, पुरातन भारतीय दर्शन की है. योग सिर्फ तभी नहीं होता, जब हम आधा घंटा जमीन पर दरी में या मैट पर होता हैं. "अब मुझे आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों की तरफ ले जानी है, गरीब और आदिवासी के घर तक ले जानी है. मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है, क्योंकि ये गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाता है. आज हमारे योग को दुनिया अपना रही है तो हमें योग से जुड़ी रीसर्च पर भी जोर देना होगा.इसके लिए जरूरी है कि हम योग कोकिसी दायरे को बांध कर ना रखें.
पीएम ने दिया जवाब, योग के लिए रांची को ही क्यों चुना ?
पीएम मोदी ने इस सवाल का जवाब देते हुए तीन कारण गिनाये पहला कारण उन्होने गिनाया कि झारखंड जैसा की नाम से ही पता चलता है यह वन प्रदेश है. हमारी सरकार ने आयुष्मान योजना की शुरुआत भी रांची से ही की थी, इसलिए यहां पर योग दिवस मनाना लाजमी था. रांची और स्वास्थ्य का रिश्ता इतिहास में दर्ज है.
अब हमें योग को एक अलग स्थान पर ले जाना है. अब हमें गरीबों के घर तक योग को पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि योग हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है, झारखंड में भी नृत्य के जरिए इसे किया जाता है. जो शरीर को बल देता है. अब हमें आधुनिक योग की यात्रा को शहर से गांव की तरफ पहुंचाना है, ताकि आदिवासी के जीवन में भी ये अभिन्न हिस्सा बने.
योग को बढावा देने की तैयारी
योग को बड़ी संख्या में आगे ले जाने के लिए हमें और अधिक योग प्रशिक्षक की आवश्यकता है, इसके लिए एक बोर्ड का गठन हुआ है, जो मान्यता देगा और गुणवत्ता प्रमाण पत्र देगा. यह योग को आगे बढ़ायेगा. योग को करियर कुशल के रूप में बढ़ायेगा. आयूष मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास से हाथ मिलाया है ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर के छात्र यहां योग पढ़ सकें. 2017 में योग के विकास के लिए स्थापित किये गये प्रधानमंत्री की दिशा में एक अहम कदम रहा है. 2019 के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की घोषणा की जा रही है. राष्ट्रीय श्रेणी में यह गुजरात के राजस्वी मुनी को जाता है जिन्होंने योग के लिए काम किया है.
अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में इटली की इंटोनिया रोजी जो चार दशकों से योग शिक्षक का काम किया है. संस्थागत में मुंगेर के बिहार स्कूल ऑफ योग को दिया जा रहा है. चौथा और अंतिम पुरस्कार संस्था अंतरराष्ट्रीय जापान का योग निकेतन है. यह सस्थाएं विश्वास रखती है कि उनकी शिक्षाएं व्यवसायिक सोच से कम नहीं है. सच्चे भारतीय योग परंपराओं में निहित है.
बोले सीएम रघुवर दास, झारखंड का योग से पुराना नाता
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए संबोधन की शुरुआत की उन्होंने कहा, झारखण्ड का योग से पुराना नाता रहा है. यह विद्या झारखण्ड की संस्कृति का मूल एवं अभिन्न अंग है. जनजातीय समाज अपने दैनिक जीवन से लेकर नृत्य तक योग को किसी न किसी रूप में अपनाए हुए है. झारखण्ड के पर्व त्योहारों में, सरहुल और कर्मा में भी योग की झलक हमें देखने को मिलती है. झारखण्ड में 340 योग केंद्र चल रहे हैं, जहां नियमित रूप से लोगों को योग की शिक्षा प्रदान की जा रही है. आयुष मंत्रालय द्वारा 100 सेंटर्स की स्थापना की जा रही है.योग को विश्व में एक नयी पहचान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार. योग को आज पूरी दुनिया ने अपनाया है. आप भी प्रतिदिन योग करें और स्वस्थ झारखण्ड, स्वस्थ भारत का निर्माण करें.