रांची : डॉक्टरों ने दी चेतावनी, मारपीट करनेवालों को 48 घंटे में पकड़े पुलिस, नहीं तो आंदोलन होगा

रिंची अस्पताल में हुई घटना को लेकर एसएसपी से मिले डॉक्टर अस्पताल के सीनियर चिकित्सक डॉ एके सिंह पर जानलेवा हमला करने का लगाया आरोप उपद्रवियों के सामने थाना प्रभारी और चिकित्सक बने रहे मूकदर्शक रांची : रिंची अस्पताल में गुरुवार को डॉक्टरों के साथ मारपीट और अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना को लेकर शुक्रवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2019 7:01 AM

रिंची अस्पताल में हुई घटना को लेकर एसएसपी से मिले डॉक्टर

अस्पताल के सीनियर चिकित्सक डॉ एके सिंह पर जानलेवा हमला करने का लगाया आरोप

उपद्रवियों के सामने थाना प्रभारी और चिकित्सक बने रहे मूकदर्शक

रांची : रिंची अस्पताल में गुरुवार को डॉक्टरों के साथ मारपीट और अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना को लेकर शुक्रवार को आइएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह व डॉ ओपी मंसरिया के साथ डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल एसएसपी से उनके आवास पर मिला. हालांकि, एसएसपी उस वक्त आवास पर मौजूद नहीं थे. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी के गोपनीय कार्यालय में मांगों को लेकर आवेदन दिया.

अपने आवेदन में डॉक्टरों ने चेतावनी दी गयी है कि डॉक्टरों के साथ मारपीट और अस्पताल में तोड़फोड़ करनेवालों को पुलिस 48 घंटे में गिरफ्तार करे. अगर ऐसा नहीं होता है, तो डॉक्टर आंदोलन करेंगे. डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग एक शव (जिसे रामगढ़ सीएचसी में पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था) को लेकर पहुंचे थे.

इन्हीं लोगों ने शाम 4:30 बजे से रात 9:00 बजे तक अस्पताल में ताेड़फोड़ की और अस्पताल के सीनियर चिकित्सक डॉ एके सिंह पर जानलेवा हमला किया गया. उनकी हड्डी टूट गयी. वे जगन्नाथपुर अस्पताल में भर्ती हैं. इनके अलावा डॉ ओपी मंसरिया और अन्य पार मेडिकल स्टाफ को चोटें आयी हैं. अस्पताल का आवश्यक उपकरण भी तोड़ दिये गये. मौके पर मौजूद थाना प्रभारी और डीएसपी उपद्रवियों के समक्ष मूकदर्शक बने रहे.

रांची : सुरक्षा देने से ही बनेगा बेहतर माहौल

रांची : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के बैनर तले शुक्रवार को डॉक्टरों की बैठक रिम्स ऑडिटोरियम में हुई, जिसमें डॉक्टरों ने गुरुवार को रिंची अस्पताल में हुई घटना की घोर निंदा की. डॉक्टरों का कहना था कि सरकार हमें सुरक्षा दें, तभी राज्य में बेहतर चिकित्सा का माहौल बन सकता है. डॉक्टर के साथ मारपीट अब आम बात हो गयी है. मृत व्यक्ति को लेकर परिजन जिंदा करने की बात कर रहे थे, तो कैसे उसे जिंदा किया जा सकता है.

डिस्ट्रिक आइएमए के पूर्व सचिव डॉ नितिश प्रिया ने बताया कि सीसीटीवी कैमरा में स्पष्ट दिख रहा है कि लोगों द्वारा मारपीट व तोड़फोड़ की गयी है, लेेकिन इसके बावजूद पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

वरिष्ठ चिकित्सकों ने कहा कि पुलिस हमारा एफआइआर नहीं ले रही है. हमलोगों को समझाैता करने का दबाव डाला जा रहा है, लेेकिन हमारी मांग स्पष्ट है. पुलिस प्रशासन एफआइआर लें, सीटीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को गरिफ्तार किया जाये. इसके बाद भी अगर सरकार हमारी मांगाें को नहीं मानती है, तो आंदोलन करने के लिए हम विवश हो जायेंगे.

बैठक में ये लोग थे मौजूद : बैठक में आइएमए के राज्य सचिव डॉ प्रदीप सिंह, झासा के डॉ विमलेश सिंह, जिला आइएमए के अध्यक्ष डॉ जीडी बनर्जी, सचिव डॉ श्याम सिडाना, वरिष्ठ न्यूरो चिकित्सक डॉ कृष्ण कुमार, डॉ राजेश कुमार, डॉ सुधीर कुमार, डॉ अमित मुखर्जी, डॉ एसएन यादव, न्यूराे सर्जन डॉ संजय कुमार, डॉ पैट्रिक मिंज, डॉ विजय मिश्रा सहित कई चिकित्सक मौजूद थे. इधर, रात में करमटोली चौक स्थित आइएमए भवन में डॉक्टरों ने बैठक की जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया गया.

ऐसे में बंद कर दी जायेगी निजी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा : अाइएमए के राज्य सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि इमरजेंसी में डाॅक्टर सेवा देते हैं और मरीज के साथ कुछ हो जाता है, तो मारपीट की जाती है. एेसे में यह विचार किया जा रहा है कि निजी अस्पताल की इमरजेंसी सेवा को बंद ही कर दिया जाये. सिर्फ ओपीडी सेवा ही रखा जाये, जिससे यह झंझट ही खत्म हो जाये.

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