रांची : युवाओं को रोजगार लेनेवाला नहीं देनेवाला बनाना चाहते हैं : सीएम रघुवर दास
दो दिवसीय स्टार्टअप झारखंड-हैकथॉन-2019 का समापन युवाओं को उद्यमशीलता की ओर ले जाना चाहते हैं रांची : भारत युवाओं का देश है. 18 वर्ष से लेकर 35 वर्ष वाले युवाओं का. हमारी सरकार इन युवाओं को उद्यमशीलता की ओर ले जाना चाहती है. हम इन्हें रोजगार मांगनेवाला नहीं, रोजगार देनेवाला बनाना चाहते हैं. इसके लिए […]

दो दिवसीय स्टार्टअप झारखंड-हैकथॉन-2019 का समापन
युवाओं को उद्यमशीलता की ओर ले जाना चाहते हैं
रांची : भारत युवाओं का देश है. 18 वर्ष से लेकर 35 वर्ष वाले युवाओं का. हमारी सरकार इन युवाओं को उद्यमशीलता की ओर ले जाना चाहती है. हम इन्हें रोजगार मांगनेवाला नहीं, रोजगार देनेवाला बनाना चाहते हैं.
इसके लिए बेहतर अवसर व माहौल देना हमारा कर्तव्य है. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही. वे रविवार को स्टार्टअप झारखंड-हैकथॉन-2019 के समापन सह पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे. गवर्नेंस व सर्विसेस में नये आइडिया व इनोवेशन (स्टार्टअप) वाले दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होटल बीएनआर चाणक्य में हुआ.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया बदल रही है. हम भी झारखंड को बेहतर तकनीक के माध्यम से बदलना चाहते हैं. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा कि हम झारखंड में स्टार्टअप के लिए देश का सर्वश्रेष्ठ इको सिस्टम बनाने में लगे हैं. उन्होंने नये आइडिया व स्टार्टअप को अपनाने के लिए झारखंड की स्टार्टअप पॉलिसी की जानकारी दी, जो युवाअों के लिए बेहद सहयोगी है.
उद्योग निदेशक के रवि कुमार ने कहा कि आइटी विभाग नये आइडिया व स्टार्टअप को विकसित करने तथा नया सोचने में मदद करता है. वहीं उद्योग विभाग डेवलप हो चुके प्रोजेक्ट को व्यावसायिक रूप देने के लिए धन, जमीन व स्पेस उपलब्ध कराता है. इससे पहले आइटी सचिव विनय चौबे ने हैकथॉन-2019 की पृष्ठभूमि तथा स्टार्टअप ग्रूमिंग (विकास या निखारना) के लिए विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों व इसकी योजनाओं की जानकारी दी.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने हैकथॉन में छह बेहतर अाइडिया के लिए पुरस्कृत किया. इसके अलावा प्रोटोटाइप अनुदान सहित कई अन्य सहायता भी प्रदान की गयी. इस अवसर पर आइटी निदेशक उमेश साह व अन्य विभागीय अधिकारी समेत सहित बड़ी संख्या में युवा प्रतिभागी उपस्थित थे.
हैकथॉन-2019 की पृष्ठभूमि
हैकथॉन में भाग लेने के लिए झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों से कुल 410 अॉनलाइन आवेदन आये थे. इसके बाद आइटी विभाग की तकनीकी टीम ने इनमें से 50 का चयन प्रदर्शन के लिए किया.
तीन को छोड़ 47 प्रतिभागी दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल हुए तथा ई-गवर्नेंस, स्वास्थ्य, साइबर सुरक्षा, आइटी, स्मार्ट सिटी व अार्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे छह क्षेत्रों में अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से सुझाव दिये. सभी क्षेत्र के एक-एक सर्वश्रेष्ठ आइडिया के लिए प्रतिभागियों को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार मिला.
जूनियर इनोवेटिव चैलेंज
बेस्ट स्कूल – माउंट एवरेस्ट स्कूल, रामगढ़ (50 हजार). बेस्ट स्टूडेंट – श्री सूर्यदेव सिंह स्मृति गुरुकुलम के स्टूडेंट सौरभ कुमार दास, अादित्य राज, निशिकांत गुप्ताा व अाकाश चंद्र दास (25 हजार).
अन्य सहायता व प्रमाण पत्र
राज्य द्वारा चयनित 15 स्टार्टअप को 23.28 लाख रुपये का प्रोटोटाइप डेवलपमेंट ग्रांट दिया गया. अटल बिहारी वाजपेयी इनोवेशन लैब के लिए चयनित 15 स्टार्टअप को कुल कुल 85.48 लाख में से पहले किस्त के रूप में 21.37 लाख (25 फीसदी) दिये गये. वहीं 49 स्टार्टअप को स्टेट इवैल्यूएशन सर्टिफिकेट दिया गया.
स्टार्टअप को झारखंड कैसे कर रहा सहयोग
युवाओं की नयी सोच व नये आइडिया को प्रोमोट करने के लिए झारखंड सरकार ने वर्ष 2016 में स्टार्टअप पॉलिसी बनायी है. यह पॉलिसी पढ़ाई पूरी कर चुके युवाअों की जोखिम कम करती है. रोजगार से पहले उन्हें स्टाइपेंड देती है.
इसमें स्टार्टअप को प्रोमोट करने के लिए वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है. आइडिया डेवलप हो जाये, तो इसे बिजनेस का रूप देने व मार्केटिंग करने के लिए भी उद्योग विभाग के वेंटर फंड के माध्यम से वित्तीय सहायता, जमीन व स्पेस उपलब्ध कराया जाता है.
शिक्षण संस्थानों में इनक्यूबेशन सेंटर बनाने के लिए संस्थानों को फंड दिया जाता है. यहां युवा स्टार्टअप पर काम कर सकते हैं. अभी राज्य में अटल बिहारी वाजपेयी इनोवेशन लैब की स्थापना की जा रही है. इसके तहत हैकथॉन के दौरान तीन शिक्षण संस्थानों आइआइटी आइएसएम धनबाद, बीआइटी सिंदरी व सेंट्रल यूनिवर्सिटी के साथ एमअोयू किया गया.
हैकथॉन-2019 के विजेता को एक-एक लाख रुपये
लॉजिक ब्रिक्स (इ-गवर्नेंस), स्पेसनस (स्वास्थ्य), मैटीसॉफ्ट साइबर सिक्यूरिटी लैब (साइबर सिक्यूरिटी), लेजिट डॉक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), विजेरियन (आइटी), स्मार्ट झारखंड (स्मार्ट एंड सेफ सिटी). सभी को एक-एक लाख रुपये दिये गये.